Happy New Year 2022: नए साल का जश्न मनाने झारखंड के इस स्थान पर खिंचे चले आते हैं लोग, यहां नदी में बहता है सोना
Jharkhand News: स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल पर साल भर पर्यटकों की भारी भीड़ जुटती है. ये धार्मिक आस्था का केंद्र भी है. नए साल को देखते हुए यहां खास इंतजाम किए गए हैं.
![Happy New Year 2022: नए साल का जश्न मनाने झारखंड के इस स्थान पर खिंचे चले आते हैं लोग, यहां नदी में बहता है सोना Happy New Year 2022 swarnarekha river origin point attracting tourists for new year celebration in Jharkhand Happy New Year 2022: नए साल का जश्न मनाने झारखंड के इस स्थान पर खिंचे चले आते हैं लोग, यहां नदी में बहता है सोना](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/31/37b67599a40dde0e58e11183f5bc3236_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Happy New Year 2022: स्वर्णरेखा नदी (Swarnarekha River) को झारखंड (Jharkhand) में जीवनदायिनी कहा जाता है. इस नदी के उद्गम स्थल पर साल भर पर्यटकों की भारी भीड़ जुटती है. स्वर्णरेखा का उद्गम स्थल रानी चुंआ है, ये धार्मिक आस्था का केंद्र भी है. इस स्थल पर प्राकृति जमकर अपना प्यार लुटाती है. यहां के नजारे मनोरम और दिल को मोह लेने वाले हैं. आमल ये है कि, देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई मुल्कों से लोग यहां खिंचे चले आते हैं. नए वर्ष को मनाने के लिए इस खूबसूरत स्थान पर भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. नए साल को देखते हुए यहां सैलानियों के लिए खास इंतजाम भी किए गए हैं. खास बात ये है कि, झारखंड सरकार ने भी इस एतिहासिक स्थल को प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ पयर्टक स्थलों की सूची में शामिल किया है.
महाभारत काल से जुड़ी है कथा
प्राकृतिक छटा के बीच हजारों सालों से मौजूद स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल रानी चुंआ का अपना ही इतिहास है. कहा जाता है कि, महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां कुछ समय गुजारा था. इस दौराना माता कुंती को प्यास लगी तो उन्होंने अपने पुत्रों से जल का प्रबंध करने को कहा. लेकिन, जल को कोई स्रोत नहीं मिला. माता कुंती ने पुत्र अर्जुन को आदेश दिया जिसके बाद अर्जुन ने तीर मारकर भूगर्भ से पवित्र जल निकाला, इसके बाद माता कुंती अपनी प्यास बुझाई.
जल के साथ निकलते हैं सोने के कण
अर्जुन के चलाए तीर का वेग इतना तेज था कि इस निर्मल पवित्र जल के साथ छोटे-छोटे स्वर्ण के कण भी निकलने लगे. तभी से ये स्वर्णरेखा चुंआ का नाम से प्रसिद्ध है. जल का वेग इतना तेज था कि इसने नदी का स्वरूप ले लिया, जो झारखंड प्रदेश का सबसे लंबी नदी स्वर्णरेखा नदी के नाम से प्रसिद्ध है. समय बीता लेकिन यहां पानी कभी कम नहीं हुआ. यहां से आज भी जल निरंतर बह रहा है.
ये भी पढ़ें:
हेमंत सरकार पेट्रोल-डीजल पर देगी भारी छूट, बाबूलाल मरांडी बोले- राहत के नाम पर 'टर्म्स एंड कंडीशन्स अप्लाई'
झारखंड सरकार पेट्रोल-डीजल पर देगी 25 रुपये की छूट, बाबूलाल मरांडी बोले- वाह मुख्यमंत्री जी..आगे खुद पढ़ें
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)