Hazaribagh News: झारखंड के हजारीबाग में लोन ना जमा करने पर ट्रैक्टर खींचने आए फाइनेंस कर्मियों द्वारा गर्भवती महिला को कुचल कर मारे जाने के बाद परिजन गमगीन हैं. महिला के पिता मिथिलेश मेहता ने बताया कि ट्रैक्टर के लोन पर 10,000 रुपये ब्याज अदा करना था. ब्याज की इसी कीमत को लेकर फाइनेंस कर्मियों और मिथिलेश के बीच असहमति थी. बीते गुरुवार को मिथिलेश के घर आए फाइनेंस कर्मियों ने मेहता के बड़ी बेटी मोनिका कुमारी को कथित तौर पर दो बार रौंदा. 22 वर्षीय मोनिका दो महीने की गर्भवती थी. घटना वाले दिन ही महिला की मौत हो गई.  


मेहता ने महिंद्रा फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था. कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के साथ-साथ ग्रुप के एमडी और सीईओ अनीश शाह  ने भी शोक व्यक्त किया है. आनंद महिंद्रा ने कहा है कि यह घटना चौंकाने वाली है. वहीं अनीश शाह ने कहा कि यह घटना दुखद है और हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं.  


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लॉकडाउन की वजह से नहीं जमा किए पैसे- मिथिलेश
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मिथिलेश ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान फाइनेंस कंपनी का कोई व्यक्ति उनके पास पैसे लेने नहीं आया. जिसकी वजह से वह पैसा नहीं दे पाए. जब लॉकडाउन खुला और वह पैसे जमा करने गए तो कंपनी ने उनके खाते में ब्याज के नाम पर बड़ी धनराशि भी जोड़ दी. रिपोर्ट के अनुसार मिथिलेश ने दावा किया कि पूरा पैसा जमा करने के बाद भी 10,000 रुपये का फर्क आ रहा था. 


उन्होंने बताया कि यही 10,000 रुपये ना चुकाने की वजह से फाइनेंस कर्मी ने बेटी पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था. भावुक मिथिलेश ने सवाल किया कि दो जिन्दगियों की कीमत क्या 10,000 रुपये है? 


मां रेखा देवी बोलीं- वो पढ़ी लिखी थी...
मोनिका की मां रेखा देवी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मोनिका को कैसी की चोटें लगीं. रेखा ने कहा- “वह पढ़ी लिखी थी और कई जरूरी मुद्दों पर हम उस पर निर्भर थे. बीते साल ही उसकी शादी हुई थी. उसकी हत्या कर दी और उसके साथ ही एक अजन्मा बच्चा भी इस दुनिया में आने से पहले चला गया."


मिथिलेश ने कहा कि मोनिका पढ़ी लिखी थी और वह सही बातें जानती थी. मैं अभी भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं कि उन्होंने मेरी बेटी पर सच में ट्रैक्टर चढ़ा दिया.


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