Jharkhand: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के आरोपों को लेकर सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया.
अपनी गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. वे गठबंधन के विधायकों के साथ राजभवन गए थे और फिर उन्हें वहां से ईडी कार्यालय ले जाया गया. ईडी गुरुवार को कोर्ट में पेश करेगी.
हेमंत सोरेन की किस आधार पर हुई गिरफ्तारी?
- घोटाले से अर्जित आय का संदिग्ध मनी ट्रांजेक्शन से जुड़ा होना
- गलत तरीके से हासिल की गई जमीनों पर परिवार और करीबियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नियंत्रण होना
- जांच अधिकारियों के सवालों का सीधे जवाब न देना
- मुख्य आरोपी प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल और तत्कालीन डीसी छवि रंजन के साथ सोरेन के संबंध
- अवैध खनन में जांच के दौरान हेमंत सोरेन की भूमिका का सामने आना
- जांच में सामने आना कि सोरेन का करीबी अमित अग्रवाल कथित तौर पर सोरेन और उनके करीबी सहयोगियों के ब्लैक मनी को मैनेज करता है.
14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है ईडी
झामुमो नेता हेमंत सोरेन के खिलाफ धनशोधन के आरोप 'भूमि माफिया' के साथ उनके कथित संबंधों के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के कथित अवैध कब्जे से संबंधित हैं. केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, यह जांच झारखंड में 'माफियाओं की ओर से भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट' से जुड़ी है. ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे.
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