Hemant Soren News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर गुरुवार (13 जून) को हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.


सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाई कोर्ट में दावा किया कि हेमंत सोरेन रांची के बारगेन में अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे.


ईडी की ओर से दलील देते हुए उसके वकील एस.वी. राजू ने कहा कि सोरेन ने 2009-10 में जमीन का अधिग्रहण किया था और इसके कब्जे को सुरक्षित करने के लिए एक चारदीवारी का निर्माण किया गया था.


हेमंत सोरेन के वकील ने क्या कहा?


इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की तरफ से हाई कोर्ट में कहा कि जेएमएम नेता को ईडी ने एक आपराधिक मामले में झूठा फंसाया है.


सिब्बल ने सोमवार को दलील दी कि सोरेन पर रांची के बारगेन क्षेत्र में 8.86 एकड़ के भूखंड पर कब्जा करने का गलत आरोप लगाया गया है और यह अपराध नहीं बनता है, जिसके लिए सोरेन को हिरासत में लिया गया है.


सिब्बल ने दलील दी कि यदि सोरेन के खिलाफ सभी आरोप सही भी हों, तो भी यह जबरन बेदखली का एक दीवानी मामला होगा, न कि आपराधिक मामला.


31 जनवरी को हेमंत सोरेन की हुई थी गिरफ्तारी


सोरेन ने 27 मई को हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा. हेमंत सोरेने को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. ईडी की हिरासत में ही 31 जनवरी को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.


इस जांच के सिलसिले में ईडी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य समेत 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.


(इनपुट भाषा से)


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