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जमानत के बाद अब हेमंत सोरेन कब जेल से आएंगे बाहर, JMM के लिए कितनी बड़ी राहत?
Hemant Soren Bail: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को आखिरकार जमानत मिल गई. उनको विधानसभा चुनाव से पहले जमानत मिली है. हेमंत को जमानत मिलने से जेएमएम के काडर में काफी खुशी है.
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Hemant Soren Bail: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering) में जमानत मिल गई है. वह कल (29 जून) रांची के बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ सकते हैं. हेमंत को 31 जनवरी को ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. लोकसभा चुनाव के दौरान वह जेल में थे. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत मांगी थी, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई थी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक झारखंड हाई कोर्ट के वकील धीरज कुमार ने बताया, "आज कोर्ट का फैसला आ गया है, कोर्ट ने हेमंत सोरेन को ज़मानत दे दी है. सुनवाई 13 जून को ही पूरी हो गई थी, फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. आज कोर्ट के आदेश की कॉपी चली जाएगी कल वे बाहर आ सकते हैं."
जेएमएम के लिए राहत लेकर आई हेमंत सोरेन बेल
वहीं, हेमंत की रिहाई विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होने जा रही है जो कि जेएमएम के लिए बड़ी राहत है. लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तारी से जेएमएम के अभियान पर असर पड़ा था. हालांकि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने एक्टिव पॉलिटिक्स में एंट्री कर जेएमएम कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाकर रखा और अच्छा प्रदर्शन करते हुए जेएमएम ने तीन सीटें जीतीं. वहीं, इंडिया गठबंधन ने मिलकर पांच सीटें जीतीं. 2019 में जेएमएम ने एक और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी.
रिहाई के बाद जेएमएम का अभियान तेज होने की संभावना
विधानसभा की बात करें तो झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में जेएमएम 30 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी रहती थी. इसने कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी और हेमंत सोरेन को सीएम बनाया गया. हेमंत की रिहाई के बाद ही यह तय होगा कि झारखंड महागठबंधन किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा और सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा, लेकिन यह तय है कि गठबंधन के सहयोगी लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी प्रचार के दौरा बीजेपी पर ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाएगी और इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी.
वहीं, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के कारण जेएमएम के परंपरागत क्षेत्रों में सहानुभूति वोट मिलने के आसार हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में इसने अपने प्रदर्शन में भी सुधार किया है. वहीं, हेमंत के करीबी चंपई सोरेन का जब सदन में शक्ति परीक्षण था, तब भी जेएमएम के विधायकों ने यह साबित कर दिया था कि वे एकजुट हैं और वे नहीं बिखरेंगे. ऐसे में हेमंत की रिहाई जेएमएम में एक नई जान फूंकेगी और विधानसभा चुनाव की तैयारियों में इसे मजबूती मिलेगी.
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