Jharkhand News: झारखंड (Jharkhand) सरकार ने ट्रांसजेंडर किन्नर (Transgender) समुदाय के हक में बड़ा फैसला लिया है. इन्हें थर्ड जेंडर (Third Gender) घोषित करने के साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला किया गया है. राज्य की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने उन्हें शिक्षण संस्थानों में दाखिले में भी आरक्षण देने का फैसला किया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को यह आऱक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC वर्ग के कोटे के तहत दिया जाएगा. झारखंड में पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है.
नई व्यवस्था के तहत यह कहा गया है कि अगर किसी ट्रांसजेंडर को पहले से ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत आरक्षण मिल रहा है तो वह लाभी उन्हें मिलता रहेगा. सीएम हेमंत सोरेन ने दरअसल बुधवार को कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में आरक्षण संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर किन्नर समुदाय के लोगों को मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन भी दी जाएगी.
हर महीने अब ट्रांसजेंडर समुदाय को 1000 रुपये का पेंशन
वंदना डाडेल ने बताया कि टांसजेंडर समुदाय को हर महीने अब पेंशन के रूप में 1000 रुपए दिए जाएंगे. कैबिनेट की बैठक में कुल 35 फैसलों पर मुहर लगी है. एक महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार हिंसा में या दुर्घटना में घायल होने पर कर्मियों को मिलने वाले मुआवजा में वृद्धि की गई है. अब उन्हें साढ़े 7 लाख तक की सहायता राशि मिलेगी. अगर निर्वाचन कार्य के दौरान कर्मी उग्रवादी हिंसा में घायल या अपंग हुए हों तो मुआवजे की यह राशि दोगुनी हो जाएगी. कैबिनेट ने कुत्तों के काटने से होने वाली रेबीज बीमारी को अधिसूचित बीमारी घोषित करने का भी फैसला किया है. यह निर्णय नेशनल रैबिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत वायरल जेनेटिक बीमारी से रोग और मृत्यु को कम करने के दृष्टिकोण से लिया गया है.
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