CM Hemant Soren Disqualification: निर्वाचन आयोग ने झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की है. अब ये तय माना जा रहा है कि, उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. हेमंत सोरेन ने सीएम पद पर रहते हुए अपने नाम पर माइन्स को लीज पर लिया था. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और बीजेपी ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन बताते हुए राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को लिखित शिकायत की थी. इस पर राज्यपाल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. निर्वाचन आयोग ने इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद राज्यपाल को भेजे गए मंतव्य में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. 


'जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे'
इस बीच सीएम हेमंत सोरेन के घर के बाहर भारी भीड़ जमा है. लोग उनके समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं. हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि, '' संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है. हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!''






बीजेपी भी हुई हमलावर 
निर्वाचन आयोग की तरफ से हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा के बाद बीजेपी भी हमलावर है. इस मामले पर राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रघुवर दास (Raghubar Das) ने कहा है कि, '' देखिए, राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं. सिर्फ हेमंत सोरेन की सदस्यता ही नहीं जानी चाहिए, बल्कि उन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य भी घोषित किया जाना चाहिए. चूंकि यह मामला भ्रष्टाचार है, इसलिए उनके खिलाफ पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है.''


ये भी जानें 
बताया जा रहा है कि, चुनाव आयोग के मंतव्य पर राज्यपाल का आदेश जारी होते ही हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. ऐसी स्थिति में उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा. चूंकि, हेमंत सोरेन जिस गठबंधन के नेता हैं, उसका विधानसभा में बहुमत है, इसलिए इस्तीफे के बाद वो नए सिरे से सरकार बनाने का दावा पेश कर फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इस बीच हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है. अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है नहीं. अगर आयोग ने उन्हें अयोग्य करने की अनुशंसा की तो उनका मुख्यमंत्री बने रह पाना मुश्किल होगा. 


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