Jharkhand Politics: लगातार पांच बार बोरियो विधानसभा (Borio Assembly constituency) से चुनाव जीतते आ रहे विधायक लोबिन हेम्ब्रम (Lobin Hembrom) अपने बेबाक रवैए और बयानबाजियों से कारण चर्चा में बने रहते हैं. कई बार वे अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ होते हैं और उनके खिलाफ मीडिया में खुलकर बयानबाजी करते हैं. हेम्ब्रम का ऐसा ही एक बयान इस वक्त सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें वे सीएम हेमंत सोरेन के रास्ते से भटकने की बातें कहते नजर आ रहे हैं.


'आदिवासियों को गुमराह कर रहे सोरेन'


हेम्ब्रम ने खुलकर कहा है कि, 'सीएम सोरेन उनके नेता नहीं, बल्कि नेता सिर्फ एक है जो गुरुजी शिबू सोरेन है. उनका मानना है कि गुरुजी ने जो मार्ग बताया वही सही है. मगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उस मार्ग से भटक चुके हैं. गुरुजी शुरू से आदिवासियों के लिए लड़ते आए हैं, इसलिए आदिवासी उनको अपना नेता मानते हैं. मगर हेमंत सोरेन आदिवासी को गुमराह कर रहे हैं. खुद को आदिवासी का चेहरा बताते हैं, मगर फायदा बाहरियों को दिलाने का काम करते हैं.' उन्होंने खुलकर कहा है कि, 'वे सदन के नेता हो सकते हैं, मगर वे हेमंत को अपना नेता नहीं मानते हैं.' 


JMM तलाश रहा लोबिन का विकल्प?


दरअसल, 2024 का चुनाव अब निकट आ चुका है और सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने में लग चुकी हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए लोबिन स्पीड ब्रेकर का काम कर रहे हैं. इधर लोबिन ने झारखंड बचाव मोर्चा के गठन कर लिया है. उन्होंने इसके गठन के पीछे झारखंड में हो रही जल, जंगल, जमीन की लूट बताया है.  हालांकि बनाए गय मोर्चा को अभी राजनीतिक रूप नहीं दिया गया है. मगर विशेषज्ञों की मानें तो अगर लोबिन का झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ ऐसे ही नोक झोंक चलती रही तो हो सकता है लोबिन 2024 के लिए इस मोर्चा को राजनीतिक दल में तब्दील कर दे. हालांकि ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि जेएमएम ने भी लोबिन के बगावत को भांपते हुए उनका विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है.


कार्रवाई हुई तो BJP ज्वाइन करेंगे लोबिन?


लगातार झामुमों के साथ बगावत करते लोबिन पर अब भाजपा मेहरबान होती दिख रही है. भाजपा के कई बड़े नेता अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोबिन का समर्थन करते देखे जा सकते हैं. लोबिन ने सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ जो भाषण दिए हैं उस क्लिप को भाजपा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री और सरकार को घेरने में लग गई है. कहा ये भी जाने लगा है कि कहीं झामुमो द्वारा लोबिन पर कार्रवाई की गई तो लोबिन कहीं भाजपा में शामिल होकर संस्थान के लिए भाजपा का चेहरा न बन जाएं. हालांकि लोबिन हेम्ब्रम को आदिवासियों का साथ और भरोसा हमेशा मिलता रहा है. अगर ऐसी परिस्थिति बन भी जाती है तो निर्दलीय वे चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.


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