Jharkhand News: हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को झारखंड हाई कोर्ट से झटका लगा है. उन्हें झारखंड (Jharkhand) के बजट सत्र में भाग लेने की इजाजत नहीं दी है. हेमंत सोरेन ने इससे पहले पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) में याचिका दाखिल की थी जिसने 22 फरवरी को उन्हें इजाजत देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट का रुख किया था.
हाई कोर्ट ने मामले में सोमवार को सुनवाई की थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था. झारखंड में विधानसभा का सत्र 23 फरवरी को शुरू हुआ है और 2 मार्च को समाप्त होगा. सीएम चंपई सोरेन सरकार ने मंगलवार को अपना पहला बजट पेश किया. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में एक आवेदन दायर कर बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी. हेमंत सोरेन को पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले उन्होंने राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था.
कोर्ट में ईडी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया था हवाला
हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने सोमवार को वर्चुअल मोड में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए थे. सिब्बल ने कोर्ट में कहा था कि जेएमएम नेता एक जन प्रतिनिधि हैं और बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उनकी उपस्थिति आवश्यक है. उन्होंने तर्क दिया था कि सोरेन के खिलाफ न तो ईडी ने चार्जशीट दायर किया है न ही उनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. सिब्बल की दलीलों का ईडी के वकील और अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं जिसमें कहा गया है कि एक जनप्रतिनिधि विधानसभा सत्र की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता. राज्य में चुनाव से पहले यह मौजूदा सरकार का आखिरी सत्र है.
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