Hemant Soren Missing: झारखंड में कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. केंद्रीय एजेंसी ईडी उनका बयान दर्ज करने के लिए ढूंढ रही है. इस बीच मुख्यमंत्री सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर राजनीतिक एजेंडे के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अपने और गठबंधन के विधायकों से रांची में ही रहने के लिए कहा है.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पहुंची. ईडी की ये टीम 13 घंटे से अधिक समय तक यहां रही. इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली.
दिल्ली आने के बाद से जानकारी नहीं है कि हेमंत सोरेन कहां हैं. उनका चार्टेड प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़ा है. उनके स्टाफ के कई लोगों के फोन बंद हैं. उनकी बीएमडब्ल्यू कार को ईडी ने कल (सोमवार) को जब्त कर लिया था. उनके ड्राइवर से भी पूछताछ हुई, लेकिन सोरेन का कुछ पता नहीं चला. सूत्रों ने बताया कि 36 लाख कैश के साथ कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 20 जनवरी को हेमंत सोरेन से रांची में उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी. उसके बाद ईडी ने नया समन जारी करते हुए यह बताने को कहा था कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे.
जेएमएम का विधायकों को निर्देश
झामुमो महासचिव और प्रवक्ता विनोद कुमार पांडे ने पीटीआई से कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को रांची में रहने का निर्देश है. झामुमो, कांग्रेस और RJD (राष्ट्रीय जनता दल) सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य दल हैं.
सोरेने ने पत्र में क्या कहा?
झारखंड के मुख्यमंत्री ने ईडी को भेजे पत्र में लिखा, "आप अच्छी तरह से जानते हैं कि विधानसभा का बजट सत्र 2 और 29 फरवरी 2024 के बीच है और अन्य पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं के अलावा उसी की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे. इन परिस्थितियों में 31 जनवरी 2024 को या उससे पहले एक और बयान दर्ज करने का आपका आग्रह दुर्भावनापूर्ण है. यह राज्य सरकार के कामकाज को बाधित करने और लोगों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आपके राजनीतिक एजेंडे को उजागर करता है.''