झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की सरकार को झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) के चेयरमैन के रिक्त पद पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने जेपीएससी की 11 से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट के जल्द प्रकाशन की मांग को लेकर पवन कुमार वर्मा की ओर से दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह निर्देश दिया.


कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर हाईकोर्ट राज्य सरकार की पॉलिसी मैटर में हस्तक्षेप नहीं करती है, लेकिन यहां मामला सैकड़ों अभ्यर्थियों की नियुक्ति से जुड़ा है. जेपीएससी में अध्यक्ष नहीं होने से 11वीं से लेकर 13वीं सिविल सेवा परीक्षा के अलावा कई नियुक्ति परीक्षाओं की प्रक्रियाएं पेंडिंग हैं. यह चिंता का विषय है.


कोर्ट ने टिप्पणी की, ''झारखंड वेलफेयर स्टेट है. यहां विधानसभा चुनाव होने के बाद एक पॉपुलर सरकार भी बन चुकी है. एक बेहतर स्टेट के तौर पर झारखंड की सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह जेपीएससी चेयरमैन के रिक्त पद पर जल्द से जल्द नियुक्ति करेगी.''

तीन माह से अधिक समय से चेयरमैन का पद खाली


इसके पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने सुनवाई के दौरान कहा कि तीन माह से अधिक समय से चेयरमैन का पद खाली है. सिविल सर्विस मेंस की परीक्षा का रिजल्ट जून माह में होने के बाद सफल अभ्यर्थी साक्षात्कार एवं रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन चेयरमैन नहीं होने से पूरी प्रक्रिया ही रुक गई है. कैलेंडर के मुताबिक अगस्त माह में साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी हो जानी थी. रिजल्ट में देरी होने से कई अभ्यर्थियों को उम्र सीमा का नुकसान होने एवं उनके करियर पर असर पड़ने की भी संभावना है.


उन्होंने यह भी कहा, ''झारखंड में नई सरकार का गठन हो चुका है, कैबिनेट की बैठक भी हो रही है और सदन की कार्यवाही भी चल रही है. संवैधानिक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ऐसे में जेपीएससी के अध्यक्ष पद पर अब तक नियुक्ति नहीं हो रही है?''


सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता पिपरवाल ने कोर्ट को बताया कि सिविल सेवा परीक्षा के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. चेयरमैन पद पर नियुक्ति होते ही इस संबंध में तत्काल पहल होगी.


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