Land Scam Case: सस्पेंड हुए IAS छवि रंजन, ED ने कहा- 'हर अंचल कार्यालय से तय था 2.5 लाख रुपये का कमीशन'
Land Scam Case: ईडी ने छवि रंजन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जो दस्तावेज सौंपा हैं, उसके मुताबिक रांची जिले के सभी 22 अंचल कार्यालयों से छवि रंजन को प्रति माह दो से ढाई लाख रुपए मिलते थे.
![Land Scam Case: सस्पेंड हुए IAS छवि रंजन, ED ने कहा- 'हर अंचल कार्यालय से तय था 2.5 लाख रुपये का कमीशन' IAS Chhavi Ranjan Suspended, ED said- 'Commission of Rs 2 lakhs 50 thousand was fixed from each zonal office' Land Scam Case: सस्पेंड हुए IAS छवि रंजन, ED ने कहा- 'हर अंचल कार्यालय से तय था 2.5 लाख रुपये का कमीशन'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/07/51df95efb2506a37896cd31d110b27661683433100870489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Jharkhand News: रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन (Chhavi Ranjan) छह दिन तक ईडी की हिरासत में रहेंगे. पीएमएलए कोर्ट के विशेष जज दिनेश राय ने उन्हें छह दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपने का आदेश दिया है. अब जांच एजेंसी 7 से 12 मई तक उनसे पूछताछ करेगी. इसी बीच सरकार ने शनिवार को उन्हें समाज कल्याण निदेशक पद से निलंबित कर दिया. कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी, इसमें कहा गया है कि पीएमएलए की धारा 19 के तहत उन्हें निलंबित किया गया है.
वहीं निलंबन से मुक्त होने के बाद उनका मुख्यालय कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग होगा. निलंबन अवधि में उन्हें सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा. ईडी ने राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप पर एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा भी की है. इधर, ईडी ने छवि रंजन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जो दस्तावेज सौंपा है, उसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक रांची जिले के सभी 22 अंचल कार्यालयों से छवि रंजन की कमीशन तय थी. उन्हें हर अंचल कार्यालय से प्रति माह दो से ढाई लाख रुपए मिलते थे. ये पैसे उनके एक काफी करीबी व्यक्ति के माध्यम से पहुंचाए जाते थे.
क्या है पूरा मामला?
यही नहीं छवि रंजन ने कई लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाकर पैसे भी वसूले हैं, उन्हें धोखाधड़ी करने में मदद की और तथ्यों को छिपाया. छवि रंजन 15 जुलाई 2020 से 10 जुलाई 2022 तक रांची के डीसी थे. पीएमएलए कोर्ट में रिमांड के लिए दाखिल आवेदन पर बहस करते हुए ईडी के वकील ने कहा बड़े पैमाने पर जालसाजी हुई है. छवि रंजन ही इसका मास्टरमाइंड हैं. रांची डीसी के पद पर रहते हुए उन्होंने साजिश रचकर सेना के कब्जे वाली जमीन फर्जीवाड़ा कर बिकवा दी. यह जमीन वह स्व. बीएम लक्ष्मण राव की है, जो 417 रुपये मासिक किराए पर सेना को दी गई थी, लेकिन प्रदीप बागची को फर्जी मालिक बनाकर उसे बेच दिया गया.
वहीं बिक्री पट्टा में उस जमीन की कीमत सिर्फ सात करोड़ रुपये दिखाई गई. जांच में पता चला कि बड़गाईं सीओ के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ-साथ रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता कार्यालय के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ की गई थी. चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने 8 मई को विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी ने छवि रंजन के कस्टडी पिटीशन में कोर्ट को बताया है कि विष्णु अग्रवाल ने छवि के गोवा टू्र का पूरा खर्च उठाया था. इस संबंध में भी पूछताछ की जाएगी. उसी दिन लखन सिंह, राजेश राय व भरत प्रसाद को भी बुलाया गया है.
बागची से 10 मई को होगी पूछताछ
इन तीनों के ठिकानों पर ईडी ने पिछले दिनों छापेमारी की थी. मिली जानकारी के अनुसार इन चारों को छवि रंजन के सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि कोई अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज न कर पाए. प्रदीप बागची से सेना के कब्जे वाली जमीन खरीदने वाले जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को भी ईडी ने 10 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रदीप बागची ने रांची नगर निगम से फर्जी होल्डिंग नंबर लेकर महज सात करोड़ में ही यह जमीन दिलीप घोष को बेच दी थी.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)