Jharkhand Latest News: मनरेगा एवं माइनिंग घोटाला से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले की आरोपी निलंबित आइएएस पूजा सिंघल ने अदालत से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को ईडी कोर्ट में सरेंडर किया. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिलने के बाद बीते 4 जनवरी को पूजा सिंघल तकरीबन 8 माह बाद जेल से बाहर आई थीं. बेटी के इलाज के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से एक माह के लिए सशर्त जमानत प्रदान की गई थी. इस दौरान उन्हें झारखंड से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था.


बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी की अदालत में पूजा सिंघल समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था. इसमें बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए पूजा सिंघल के खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक आए थे. ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई.


खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ. उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थीं. ईडी ने पिछले साल 6 मई को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास, उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे. इसके बाद 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था.


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिलने के बाद बीते 4 जनवरी को पूजा सिंघल तकरीबन 8 माह बाद जेल से बाहर आई थीं. अपनी बेटी के इलाज के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से एक माह के लिए सशर्त जमानत प्रदान की गई थी. इस दौरान उन्हें झारखंड से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था.


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