Jharkhand: पलामू जिले के पांकी इलाके में तनाव के बाद इंटरनेट सेवा बंद, लगाई गई है 144 धारा
Panki Internet Suspended: झारखंड के पलामू जिले के पांकी इलाके में तनाव के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. यह जानकारी पलामू के डीसी ने दी.
झारखंड के पलामू जिले के पांकी में महाशिवरात्रि पर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. तोड़फोड़ के बाद तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. यह जानकारी पलामू के डीसी ने दी. पलामू में महाशिवरात्रि का तोरणद्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में तनाव हो गया. दोनों पक्षों की तरफ से तोड़फोड़ हुई और उपद्रवियों ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया. इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है.
झारखंड के पलामू जिले के पांकी बाजार में महाशिवरात्रि पर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. इस दौरान जमकर पत्थरबाजी भी हुई. बीच-बचाव करने गए कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं. इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. जिले के एसपी चंदन कुमार सिन्हा और उपायुक्त ए दोड्डे मौके पर पहुंच गए. तीन से चार थानों की पुलिस मौके पर तैनात की गई है.
एसपी का कहना है कि महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार बनाया जा रहा था. मस्जिद के पास मुस्लिम पक्ष के द्वारा मना किया गया, उसी को लेकर विवाद बढ़ा और पत्थरबाजी हुई. फिलहाल मामला शांत है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. तोरण द्वार बनाने को लेकर किसी भी तरह का आवेदन थाना को नहीं दिया गया था.
बाजार क्षेत्र में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल
घटना के बाद पांकी बाजार क्षेत्र की सारी दुकानें बंद हैं. बाजार क्षेत्र में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है. सड़क पर पत्थर बिखरे पड़े हैं. एक पक्ष के लोगों का कहना है कि तोरण द्वार लगाने के बाद उसे जबरन उखाड़ कर फेंक दिया गया. विरोध किया गया तो लोग पत्थर फेंकने लगे, पहले से ढेर सारा पत्थर जमा कर रखा गया था. संघर्ष होने के बाद निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है. यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी है. इस संघर्ष में आधे दर्जन लोग घायल हुए हैं. पांकी में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में शिविर लगा कर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजकुमार लकड़ा ने को बताया कि संघर्ष तोरण द्वार में हुई तोड़-फोड़ के बाद शुरू हुआ, जो कालान्तर में वाक युद्ध में तब्दील हो गया, फिर लाठी एवं पत्थर से संघर्ष शुरू हो गया. उन्होंने बताया कि तोरण द्वार शिवरात्रि पूजा को ध्यान में रखते हुए एक समुदाय विशेष के श्रद्धालुओं द्वारा लगाया गया था, यह पांकी के बाजार में था, जिसमें तोड़-फोड़ हुई.
इस सिलसिले में दोनों समुदायों के कुछेक लोगों को हिरासत में लिया गया है. उपायुक्त आंजनेयुलू दौडे सहित अन्य अधिवक्ताओं के दल पांकी पहुंचे, स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.