Jharkhand News: केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी, उनकी मां और बहन की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत की जांच कर रही पुलिस टीम ने सही कारण का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है. मृतकों की पहचान भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी और कोच्चि में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग में अतिरिक्त आयुक्त मनीष विजय (43), उनकी बहन शालिनी विजय और उनकी मां शकुंतला अग्रवाल के रूप में हुई है. यह परिवार मूल रूप से झारखंड का रहने वाला था.
जानकारी के अनुसार, शालिनी विजय झारखंड सरकार की अधिकारी थीं, जिन्हें एक मामले में कोर्ट ने तलब किया था. मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. रांची में कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि साल 2020 में छुट्टी पर केरल जाने के बाद से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मनीष की बहन शालिनी को हाल ही में अदालत से एक समन मिला था, जिसमें उन्हें सीबीआई द्वारा जांच किए गए एक मामले के सिलसिले में 15 फरवरी को झारखंड की एक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था.
JPSC टॉपर थी बहन
वह झारखंड सरकार की सेवा में अपनी नियुक्ति में अनियमितताओं से संबंधित मामले में आरोपी थीं. रांची में अधिकारी ने बताया कि वह झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पहले बैच की टॉपर थीं और उनकी अंतिम पोस्टिंग गढ़वा में जिला समाज कल्याण अधिकारी के रूप में थी. कुछ दिन पहले मनीष और शालिनी के शव फंदे से लटके पाए गए, जबकि शकुंतला अपने बिस्तर पर मृत पाई गईं.
शकुंतला के शरीर को एक सफेद कपड़े में लपेटा गया था और उस पर फूल डाले गए थे. केरल पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि भाई-बहन ने आत्महत्या की है. हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी मां की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा. पुलिस को पता चला है कि मनीष ने 14 फरवरी को फूल खरीदे थे. मनीष की डायरी में 15 फरवरी का एक नोट मिला है, जिसमें लिखा गया था कि कुछ दस्तावेज उनकी छोटी बहन को सौंप दिए जाएं जो फिलहाल दुबई में हैं.
पुलिस ने जताई ये अशंका
पुलिस ने बताया कि उनकी छोटी बहन शनिवार को कोच्चि पहुंचने वाली थी, जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम होना है. जांचकर्ता सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वे मौतों और मामले के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं कर पाए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि अगर मां की मौत स्वाभाविक पाई जाती है तो भाई-बहनों की आत्महत्या दुख के कारण हो सकती है. मनीष विजय कक्कानाडु में सेंट्रल एक्साइज स्टाफ क्वार्टर में रहते थे.
अधिकारी कुछ दिनों से छुट्टी पर थे, लेकिन जब वह काम पर नहीं लौटे तो गुरुवार की रात उनके सहकर्मी उनके घर पहुंचे थे. बदबू आने पर उन्होंने खिड़की से देखा तो एक शव लटका हुआ दिखा, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और घर में घुसने पर उन्हें दूसरे कमरे में दूसरा शव लटका हुआ मिला. पुलिस ने बताया कि बाद में की गई तलाशी में दूसरे कमरे में बिस्तर पर एक और शव पड़ा मिला.
रांची का रहने वाला था परिवार
पुलिस ने बताया कि परिवार पिछले डेढ़ साल से इस क्वार्टर में रह रहा था, लेकिन कथित तौर पर वह अलग-थलग रहता था और पड़ोसियों से भी सीमित संपर्क रखता था. झारखंड की राजधानी रांची में विजयवर्गीय वसिया सभा के अध्यक्ष और उनके दूर के रिश्तेदार संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि मनीष और शालिनी के परिवार का पैतृक घर शहर के डोरंडा स्थित तुलसी चौक पर है. यह परिवार विजयवर्गीय समाज का हिस्सा रहा है, लेकिन केरल चले जाने के बाद इनके बीच कोई संपर्क नहीं रहा.
रांची के पूर्व उप महापौर विजयवर्गीय ने बताया कि शालिनी के दादा नेमी चंद बीपीएससी पटना में तैनात थे. उनके पिता उत्तम चंद बोकारो स्टील में काम करते थे, लेकिन कम उम्र में ही उनकी मौत हो गई थी. शालिनी का रांची के रेडियम रोड में भी एक फ्लैट था. उन्होंने बताया कि शालिनी की मां शकुंतला देवी बोकारो के एक कॉलेज में प्रोफेसर थीं. शालिनी के चाचा प्रेम चंद ने मीडिया को बताया कि उन्हें गुरुवार की देर रात उनके रिश्तेदार की मौत की सूचना मिली. उन्होंने घटना पर आश्चर्य भी व्यक्त किया.
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