ISIS झारखंड मॉड्यूल से जुड़े मामले में एनआईए की छापेमारी में एक गिरफ्तार, युवाओं को संगठन में ऐसे करते थे शामिल
Delhi News: NIA ने पकड़े गए आरोपी के बारे में बताया कि वह ISIS के दुष्प्रचार का प्रसार करने और विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भोले-भाले युवाओं का बहला कर संगठन में शामिल करते थे.
NIA Action on Jharkhand ISIS Module: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के झारखंड मॉड्यूल से जुड़े मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा कई राज्यों में मारे गये छापों में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार (15 सितंबर) को यह जानकारी दी. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि जुलाई में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र फैजान अंसारी की गिरफ्तारी के बाद छापे मारे गये थे. अंसारी विश्वविद्यालय परिसर के पास रहने के दौरान चरमपंथी लोगों के संपर्क में आया था.
एनआईए अधिकारी ने कहा कि छह राज्यों में नौ स्थानों पर संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे गए और राहुल सेन उर्फ उमर उर्फ उमर बहादुर को गिरफ्तार किया गया. प्रवक्ता ने कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल उपकरणों (लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन) समेत आपत्तिजनक सामग्री, एक चाकू और आईएसआईएस से जुड़े अनेक दस्तावेज जब्त किये गये.' उन्होंने बताया कि बिहार के सीवान जिले, उत्तर प्रदेश के जौनपुर, आजमगढ़ और महाराजगंज जिला, मध्य प्रदेश में रतलाम, पंजाब के लुधियाना, गोवा के दक्षिण गोवा, कर्नाटक के यादगिर और महाराष्ट्र के मुंबई में छापे मारे गये.
'सोशल मीडिया से करते थे ISIS का प्रचार'
प्रवक्ता ने बताया कि 23 साल के सेन को आतंकवादी साजिश में सक्रिय भूमिका के लिए रतलाम से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि इस साजिश में कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआईएस के दुष्प्रचार का प्रसार करना और विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भोले-भाले युवाओं की भर्ती करना शामिल है. एनआईए ने 19 जुलाई को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के अनेक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था, इसके अगले दिन अंसारी को गिरफ्तार किया गया था.
आरोपियों का क्या था मकसद?
मामले में जांच के लेकर प्रवक्ता ने कहा, 'जांच से पता चला कि अंसारी (19) ने अपने सहयोगियों और अज्ञात अन्य लोगों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से झारखंड आतंकी मॉड्यूल की साजिश रची थी, जिसका मकसद एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को सक्रिय समर्थन प्रदान करके आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और उसके दुष्प्रचार का प्रसार करना था.' उन्होंने कहा, 'साजिश का मकसद आईएसआईएस की ओर से भारत में हिंसक आतंकी हमलों को अंजाम देना और प्रतिबंधित संगठन के लिए काम करने के वास्ते नौजवानों की भर्ती करना था.'
अधिकारी ने कहा कि अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई करने वाला अंसारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पास एक लॉज में रहता था. इस दौरान वह कुछ कट्टरपंथी लोगों के संपर्क में आया जिनके तार आईएसआईएस के ओहदेदारों से जुड़े थे. उन्होंने दूसरे लोगों को आईएसआईएस में शामिल होने के लिहाज से लुभाने के लिए एक गुट बना लिया था.
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