JAC Result 2022: अखबार बांटने के बाद पिता घर-घर जाकर करते हैं बढ़ई का काम, बेटे ने स्टेट में किया टॉप
Jamshedpur News: मैट्रिक की परीक्षा में स्टेट टॉप करने वाले अभिजीत शर्मा की कहानी संघर्ष भरी है. पिता अखिलेश शर्मा (Akhilesh Sharma) सुबह अखबार बांटते हैं और उसके बाद घर-घर जाकर बढ़ई का काम करते हैं.
JAC 10th Topper Abhijeet Sharma: जमशेदपुर (Jamshedpur) के बिष्टूपुर श्री रामकृष्ण मिशन स्कूल के छात्र अभिजीत शर्मा (Abhijeet Sharma) ने मैट्रिक में स्टेट टॉप किया है. अभिजीत के पिता अखिलेश शर्मा (Akhilesh Sharma) सुबह अखबार बांटते हैं और उसके बाद घर-घर जाकर बढ़ई का काम करते हैं. मुश्किल से खर्चा चलता है, परिवार शास्त्रीनगर के ब्लॉक नंबर 4 में एक छोटे से घर में किराए के मकान में रहता है. अभिजीत के पिता हर महीने करीब 10-12 हजार रुपये कमा लेते हैं. भले ही परिवार मुश्किलों में घिरा हो लेकिन बच्चे की पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दी. इसी का नतीजा रहा कि, अभिजीत को 500 में 490 अंक प्राप्त हुए हैं. उन्होंने हिंदी में 100, गणित में 100, साइंस में 99, सोशल साइंस में 97, इंग्लिश में 100 में 94 अंक हासिल किए हैं. अभिजीत सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) बनना चाहते हैं .
अभिजीत ने भी बांटे अखबार
मैट्रिक की परीक्षा में स्टेट टॉप करने वाले अभिजीत शर्मा की कहानी संघर्ष भरी है. अभिजीत शर्मा अपने मात-पिता के इकलौते बेटे हैं. एक वक्त ऐसा भी आया जब पिता का काम मंदा पड़ा तो अभिजीत खुद घर-घर जाकर अखबार बांटने लगे. संघर्ष रंग लाया और बेटे ने स्टेट टॉप कर माता-पिता का नाम रोशन कर दिया है. अभिजीत सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं, इसलिए वर्तमान में उसका दाखिला बाल्डविन स्कूल में साइंस में करा दिया गया है.
खाने को भोजन तक नहीं था
पिता अखिलेश शर्मा बताते हैं कि, शुरू से ही उनका बेटा पढ़ाई में तेज रहा. पढ़ाई के अलावा उसने कभी किसी पर ध्यान नहीं दिया. उन्हें लगता था कि उनका बेटा कभी ना कभी कुछ करेगा, इसीलिए उसका दाखिला रामकृष्ण मिशन स्कूल में कराया. उसकी शिक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे. उनके लिए कोरोना काल सबसे विषम परिस्थितियों वाला रहा, उनके पास खाने को भोजन तक नहीं था. जो दान देता था, उसके यहां जाकर राशन लाते थे और तब घर का चूल्हा जलता था. लेकिन, फिर भी बेटे की पढ़ाई पर कभी आंच आने नहीं दी. उस वक्त मोबाइल की आवश्यकता थी, क्योंकि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी. लिहाजा, उन्होंने कर्ज लेकर एक सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदा और उसका कर्ज अब तक चुकता कर रहे हैं. अब बेटे ने राज्य में टॉप किया है तो उस खुशी को बयान नहीं किया जा सकता.
माता-पिता का नाम किया रोशन
मां तिलोका शर्मा कहती हैं कि बेटा तो उनका दोस्त है और वो दोस्त की तरह हमेशा अपनी बातें शेयर करता है. उसकी बातों से लगता था कि शिक्षा ही उसके जीवन का आधार है और उसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है. इसी दिशा में उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और आज उसने माता-पिता दोनों का नाम रोशन किया है. अखिलेश शर्मा के अनुसार वो मैट्रिक फेल हैं. मां ने कक्षा 3 तक की पढ़ाई की है, लेकिन वे बेटे को शिक्षा जगत के शीर्ष पर देखना चाहते हैं.
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