'बीजेपी की सरकार बनते ही बांग्लादेशी घुसपैठ...', बाबूलाल मरांडी का सोरेन सरकार पर करारा हमला
Jharkhand Politics: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ की वजह से इलाके की डेमोग्राफी बदल गई है.
Jharkhand News: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गर्मा गया है. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित कर बाहर निकाला जायेगा. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जमशेदपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों का आज (शनिवार) जायजा लेने आये थे. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. घुसपैठ की वजह से इलाके की डेमोग्राफी बदल गई है. उन्होंने बूथों पर वोटर्स की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की भी बात कही. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वोटर्स की संख्या में बढ़ोतरी का कारण बांग्लादेशी घुसपैठ है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना में मूल निवासियों और आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. बता दें कि पीएम मोदी 15 सितंबर को जमशेदपुर में महापरिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे.
'सड़ी-गली सरकार को बदलना बीजेपी का मकसद'
मरांडी ने कहा कि झारखंड की "सड़ी-गली सरकार" को बदलना बीजेपी का मकसद है. सरकार ने बीते पांच साल में ठीक से पांच काम भी नहीं किये हैं. जनता से किये वादे पूरे करने में सरकार नाकाम साबित रही है. पीएम मोदी के कार्यक्रम से ही झारखंड में परिवर्तन दिखाई देगा. पूरे राज्य में बदलाव का शंखनाद होगा. उत्पाद विभाग में कांस्टेबल बहाली के दौरान एक और युवक की मौत का जिक्र प्रदेश अध्यक्ष ने किया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार युवाओं को "नौकरी नहीं, मौत बांट रही है". सरकार की कुव्यवस्था के कारण युवाओं की मौत हो रही है.
बाबूलाल मरांडी ने पूछा चुनावी वादों का क्या हुआ?
हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव को देखते हुए मंईयां सम्मान योजना शुरू की है. योजना का मकसद महिलाओं को लुभाना है. हकीकत में 2019 के चुनावी वादे अब तक पूरे नहीं हुए. उन्होंने घोषणापत्र में महिलाओं को चूल्हा खर्च का प्रतिमाह दो हजार, गरीबों को साल में 72 हजार, विधवाओं-दिव्यांगों को 2,500 रुपये पेंशन और पांच लाख बेरोजगारों को नौकरी देने के वादे किए थे. अब हेमंत सरकार को जवाब देना होगा कि इन वादों का क्या हुआ.
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