Jharkhand News: पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. अजय कुमार ने आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन पर विभागीय कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. पूर्व सांसद ने झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन की भाषा को शर्मनाक बताया. अजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों के प्रति आदित्य रंजन की भाषा का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने 2014 के बाद से आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के व्यवहार में आए परिवर्तन पर चिंता जताई.


कांग्रेस नेता ने कहा कि आदित्य रंजन पहले और अंतिम आईएएस अधिकारी नहीं हैं. महाराष्ट्र की पूजा खेडकर का अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ व्यवहार सबके सामने है. पूर्व सांसद ने कहा, "आप शायद नहीं जानते हैं कि 2016 में आरएसएस  से जुड़े 'संकल्प' ने सिविल सेवा परीक्षा में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स समेत प्रोफेशनल्स के आने पर चिंता जताई थी. आरएसएस और बीजेपी ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षाओं के कामों को अपने हाथ में ले लिया है. मुझे तो कभी-कभी डर लगता है कि अपने बच्चों को आईएएस, आईपीएस बनाने का सपना देखने वाले परिवारों का क्या होगा. उनके पास बच्चों को बड़े संस्थानों में एडमिशन दिलाने के लिए पैसे नहीं हैं."


आईएएस अधिकारी की शिक्षकों के साथ भाषा शर्मनाक-अजय कुमार


डॉ. अजय ने बताया कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य के साथ आम लोगों से सम्मानजनक व्यवहार प्रदर्शित करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण के बावजूद अधिकारियों का अमर्यादित व्यवहार गंभीर चिंता का विषय है. कांग्रेस नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि हाल के दिनों में बीजेपी नेताओं की बदली भाषा का असर अधिकारियों पर भी पड़ने लगा है.


उन्होंने कहा, "आज कुछ युवा आईएएस आईपीएस की मानसिकता केंद्र सरकार का उदाहरण देखकर बदल रही है. खुलेआम लोगों की जाति, धर्म पूछ पूछे जा रहे हैं. गोली मारने की धमकी देने के साथ अल्पसंख्यक समूहों का बहिष्कार करने को कहा जा रहा है. इंडिया गठबंधन की सरकार में अमर्यादित भाषा को स्वीकार नहीं किया जाएगा. शनिवार को परिसदन में अजय कुमार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. 


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