(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jamshedpur: घरों में घुसा बाढ़ का पानी, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों का बढ़ा खतरा
Jamshedpur News: जमशेदपुर (Jamshedpur) में नदी से सटे इलाकों में डायरिया और मलेरिया (Malaria) जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट है.
Malaria And Diarrhea Diseases Risk in Jamshedpur: झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) में नदी से सटे इलाकों में डायरिया और मलेरिया (Malaria) जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है जिसकी वजह से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया साथ ही दूषित पानी डायरिया (Diarrhoea) की वजह बन सकता है. अब इससे निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की तरफ से 3 टीमों को गठन किया गया है. हर टीम में एक-एक चिकित्सक भी शामिल होंगे. ये टीम बागबेड़ा, जुगसलाई और कदमा शास्त्रीनगर में तैनात रहेगी. इस बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जांच शिविर के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है. शिविर में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीज अधिक मिल रहे हैं.
मच्छर जनित बीमारियों का बढ़ा खतरा
यहां ये भी बता दें कि, झारखंड में बदलते मौसम के बीच मच्छर जनित बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है. अस्पतालों में लगातार बुखार (Fever) और बदन दर्द की शिकायत लेकर मरीज (Patients) पहुंच रहे हैं. इसमें कई मरीजों की मलेरिया, डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya) की जांच कराई जा रही है. रांची रिम्स (Ranchi RIMS) में ही बुखार के लक्षण को लेकर हर दिन ओपीडी में करीब 200 मरीज पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में कई ऐसे लक्षण पाए जा रहे हैं जो डेंगू या मलेरिया से जुड़े हैं. रांची रिम्स में डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. रोजाना करीब 5 संक्रमित मरीज रिम्स पहुंच रहे हैं. बदलते मौसम को दोखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
डायरिया का प्रकोप
यहां ये भी बता दें कि, पश्चिम सिंहभूम जिले के अंतर्गत टोंटो प्रखंड के टोपाबेड़ा और हेंदेबुरू टोला में डायरिया से एक सख्स की मौत हो चुकी है जबकि 2 दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो हैं. ज्यादातर बीमार लोग इलाज के बजाय झाड़-फूंक और झोला छाप डॉक्टरों का सहारा ले रहे हैं.
टोपाबेड़ा और हेंदेबुरू टोला में में शुद्ध पेयजल का कोई स्रोत नहीं है. 3 हैंडपंपों से दूषित पानी निकलता है साथ ही कुओं का भी पानी दूषित है. दोनों गांवों में गंदगी का भी अंबार है. टोंटो प्रखंड में पिछले साल भी आधा दर्जन गांवों में डायरिया फैलने से 20 लोगों की मौत हो गई थी.
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