Jharkhand Jamtara Cyber Crime: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कहा कि झारखंड की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोप में 5 लोगों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है. सभी आरोपी जामताड़ा जिले के रहने वाले हैं. अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपियों को 5 साल की कड़ी सजा सुनाई है. आरोपियों की पहचान गणेश मंडल (51), उनके बेटे प्रदीप कुमार मंडल (30), संतोष मंडल (51) और उनके बेटे पिंटू मंडल (33) और अंकुश कुमार मंडल (27) हैं. 


बैंक अधिकारी बनकर भोले-भाले लोगों को लगाते थे चूना
आरोपी लोगों को फोन कॉल पर आवाज बदलकर खुद को कंपनियों का प्रतिनिधि बताते हुए उनसे उनके बैंक खाते की व्यक्तिगत जानकारी जुटाकर उनके खाते, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कॉर्ड से पैसे चुराते थे. एजेंसी ने कहा कि आरोपियों ने अपने नाम पर आईएमपीएस, यूपीआई, डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, एमपेसा और फोनपे आदि जैसे विभिन्न तरीकों का उपयोग करके धनराशि जमा की थी. इन पैंसो का इस्तेमाल वो अपने दैनिक घरेलू खर्चों के साथ-साथ एक लग्जरी लाइफ जीने के लिए करते थे.


नेटफ्लिक्स पर साल 2020 में रिलीज हुए जामताड़ा वेब सीरीज भी इस जिले के कुछ अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की वास्तिवक घटनाओं पर आधारित है. धोखाधड़ी की वजह से ही जामताड़ा को साइबर क्राइम कैपिटल का नाम भी दिया गया है. पुलिस औऱ जांच एजेंसियों ने अपराधियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई भी शुरू की थी. पुलिस की गिरफ्त में आए ज्यादातर आरोपी युवा थे.


5 साल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया
कोर्ट ने आरोपियों को 5 साल की सजा के साथ ही प्रत्येक पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर आरोपियों को छह-छह महीने की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी पड़ेगी. एजेंसी ने कहा कि आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क की गई है जिसकी करीब 68 लाख रुपये है. इसके साथ ही आरोपियों के बैंक खातों की पहचान कर उनके खाते में जमा राशि को जब्त कर लिया गया है. आरोपी आदतन अपराधी रहे हैं. 


ईडी ने झारखंड पुलिस की एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद इन साइबर अपराधियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक आरोप लगाए, जिसमें उन पर एटीएम और बैंक खातों से अवैध निकासी का आरोप लगाया गया था. आरोपी खुद को बैंक अधिकारी बताकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे. संघीय जांच एजेंसी ने मई 2019 में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और उसके बाद सितंबर 2022 में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था. 


बता दें कि 2021 में रांची से लगभग 210 किमी दूर जामताड़ा में 76 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए और 187 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया था. 2022 में साइबर अपराधों के 72 मामले दर्ज किए गए और 97 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया था.


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