हजारीबाग से बीजेपी के सांसद जयंत सिन्हा के बेटे आशीर सिन्हा सोमवार (13 मई) को झारखंड में कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके दादा यशवंत सिन्हा एनडीए की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पिछली बार राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा था. 2 मार्च को टिकट के ऐलान से ठीक पहले जयंत सिन्हा ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया था.
हजारीबाग सीट से सांसद सिन्हा ने एक्स पर लिखा, ''मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से चुनावी दायित्वों से मुक्त करने की अपील की है ताकि मैं भारत और दुनिया में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयास पर ध्यान दे पाऊं.'' जयंत सिन्हा 2014 और 2019 के चुनाव में हजारीबाग सीट से जीते थे. बता दें कि विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया था. वो मोदी सरकार के खिलाफ लगातार बयान देते रहे हैं.
कांग्रेस ने इस सीट से जेपी पटेल को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. यहां ये बताना जरूरी है कि झारखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में आशिर सिन्हा की पार्टी में क्या भूमिका होती है. जहां तक बीजेपी की बात है, इस सीट से पार्टी ने मनीष जायसवाल पर भरोसा जताया है. वो सदर विधायक हैं.
झारखंड में हजारीबाग लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1998 के बाद ऐसा यह पहली बार है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के परिवार का कोई सदस्य हज़ारीबाग़ से चुनाव नहीं लड़ रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जयंत सिन्हा के बेटे आशिर सिन्हा झारखंड कांग्रेस का हिस्सा होंगे और उन्हें कुछ भूमिका दी जाएगी. हालांकि ये अभी तय नहीं हुआ है. उधर बीजेपी प्रवक्ता विनय कुमार ने कहा है कि हजारीबाग से अगर कोई कांग्रेस में शामिल हुआ है तो ये हमारे लिए कोई समस्या की बात नहीं है.
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