Jayant Sinha Will Vote For Draupadi Murmu in Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव में इस बार मुख्य मुकाबला द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) बनाम यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के बीच होने जा रहा है. ओडिशा की पूर्व मंत्री एवं झारखंड की राज्यपाल रह चुकी द्रौपदी मुर्मू एनडीए (NDA) उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगी. वहीं, यूपीए (UPA) और कुछ अन्य विरोधी दलों ने मिलकर संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के नाम का एलान किया है. विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का बीजेपी से गहरा और लंबा रिश्ता रहा है और उनके बेटे जयंत सिन्हा (Jayant Sinha), वर्तमान में भी झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग से लोकसभा सांसद हैं. पिता यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं तो वहीं पुत्र जयंत सिन्हा मोदी की एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में यशवंत सिन्हा को विपक्षी दलों की तरफ से उम्मीदवार घोषित करने के बाद से ही कयास लगने लगे थे कि उनके पुत्र जयंत सिन्हा अब क्या करेंगे? क्या जयंत सिन्हा बतौर सांसद, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए अपने पिता को वोट देंगे या फिर अपनी पार्टी का साथ देंगे?
'संवैधानिक दायित्वों को समझता हूं'
इन सभी सवालों का जवाब जयंत सिन्हा ने स्वयं लोगों से इसे पारिवारिक मामला ना बनाने की अपील करते हुए दे दिया है. जयंत सिन्हा ने ट्विटर पर अपना वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि, "विपक्ष द्वारा मेरे आदरणीय पिता जी यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति हेतु प्रत्याशी घोषित किया गया है. इस घोषणा के बाद से ही लोग और मीडिया मुझसे सवाल कर रहे हैं. मैं आप सबसे यही निवेदन करूंगा कि इस समय मुझे आप एक पुत्र के रूप में न देखें, इसे एक पारिवारिक मामला न बनाएं.'' जयंत ने पिता की बजाय पार्टी के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की बात कहते हुए आगे कहा, "मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं, हजारीबाग से भाजपा का सांसद हूं. मैं अपने संवैधानिक दायित्वों को समझता हूं और इसे पूरी तरह से निभाऊंगा."
पार्टी आलाकमान का जताया आभार
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए उम्मीदवार बनाने के लिए पार्टी आलाकमान के प्रति आभार जताते हुए जयंत सिन्हा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, "द्रौपदी मुर्मू जी को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर हार्दिक बधाई. उनका जीवन सदैव जनजातीय समाज व गरीब कल्याण हेतु समर्पित रहा है. इस निर्णय हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का हार्दिक अभिनंदन व आभार."
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आपको बता दें कि, राष्ट्रपति चुनाव में सांसद या विधायक स्वेच्छा से किसी भी उम्मीदवार को वोट कर सकता है क्योंकि इस चुनाव में राजनीतिक दलों के व्हिप का नियम लागू नहीं होता है.
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