Dhanbad Illegal Coal Mining: झारखंड के धनबाद में अवैध कोयला खनन के दौरान हुआ हादसा, दो लोगों की मौत, चार घायल
Illegal Coal Mining: धनबाद में ईसीएल चापापुर के प्रबंधक ने अवैध कोयला खनन के दौरान हुए हादसे पर कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है. जबकि निरसा पुलिस इसे अफवाह बता रही है.
Jharkhand News: झारखंड के धनबाद (Dhanbad) जिले के निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत ईसीएल की बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान कोयले का मलबा गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है. जबकि अन्य चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को अज्ञात जगह ले जाकर इलाज करवाया जा रहा है. जबकि दोनों शवों को कोयला तस्कर द्वारा ठिकाने लगाने की बात सामने आ रही है. मृतकों में एक जामताड़ा जिले का तो दूसरा देवघर जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. हालांकि, घटना के बाद ईसीएल कोलयरी प्रबंधन और स्थानीय पुलिस प्रशासन किसी की भी मौत से इंकार कर रहे हैं.
100 मीटर के दायरे में धंसी जमीन
घटना शुक्रवार देर शाम की बताई जा रही है. उस समय ईसीएल चापापुर 9 नंबर बंद कोयला खदान में दर्जनों लोग कोयला काटने में जुटे हुए थे, तभी लगभग एक सौ मीटर के दायरे में कोयला खदान का ऊपरी हिस्सा भरभरा कर धंस गया. जैसे तैसे सभी लोग मौके से निकलकर भागे, लेकिन छह लोग मलबे के नीचे आ गए, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. हालांकि, मौके पर किसी का शव बरामद नहीं हुआ है. स्थानीय लोग बताते हैं कि दोनो शवों को कोयला तस्कर लेकर भाग गए हैं. जबकि घायलों का दूसरी जगह गोपनीय ढंग से इलाज करवाया जा रहा है.
अप्रैल में भी हुई थी भू-धसान की घटना
ईसीएल चापापुर के प्रबंधक ने इस मामले पर कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है. जबकि निरसा पुलिस इसे अफवाह बता रही है. निरसा थानेदार दिलीप यादव ने बताया कि, यदि कहीं भू-धसान की घटना हुई है तो उसे मिट्टी से भराई करवाया जाएगा. वहीं बीते 29 अप्रैल को भी इसी जगह देर शाम ऐसे ही 100 मीटर से अधिक के दायरे में भू-धसान की घटना हुई थी, जिसमे दर्जनों घर तबाह और बर्बाद हो गए थे. तीन महीने के अंदर यह दूसरी घटना है जब ईसीएल के चापापुर 9 नंबर बंद कोयला खदान के पास भू-धसान की घटना हुई है. पहले हुई घटना के बाद भी कोलयरी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन ने कड़े कदम नहीं उठाए.
इस वजह से अवैध कोयला कारोबारियों ने फिर से अवैध कोयला उत्खनन करवाना शुरू कर दिया. पहले हुई घटना के बाद प्रबंधन द्वारा फ्लाई ऐश से अवैध कोयला मुहानों की भराई शुरू की गई थी, लेकिन कोयला तस्करों ने आम ग्रामीणों को आगे कर फ्लाई ऐश की भराई रुकवा दी. लोगों ने आरोप लगाया कि फ्लाई ऐश से प्रदूषण फैल रहा है. इसलिए खदानों की भराई नहीं करने देंगे, जिसके बाद मौके पर भराई का काम बंद हो गया.