Crime News: दोस्तों ने रेता गला, 6 महीने बाद कोमा से बाहर आया युवक तो खुली दरिंदगी की दास्तां
Ranchi News: दोस्तों ने एक युवक के गले की नस काटी और फिर उसे डैम में फेंक दिया. 6 महीने बाद युवक कोमा से बाहर आया तो दोस्तों की करतूत का पता चला. पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
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Jharkhand Crime News: एक युवक की गर्दन उसके ही 3 दोस्तों ने धारदार हथियार से रेत दी और उसे मरा हुआ जानकर डैम में फेंक दिया. खून से लथपथ युवक पर घंटों बाद किसी की नजर पड़ी तो उसके घरवालों को खबर हुई. जिसके बाद युवक को अस्पताल (Hospital) में दाखिल कराया गया. वो 6 महीने तक कोमा में रहा, घरवाले नाउम्मीद थे, लेकिन आखिरकार कुछ दिन पहले युवक कोमा (Coma) की बेहोशी से लौट आया और इसके बाद उसने लड़खड़ाती जुबान से दोस्तों की दगाबाजी की कहानी बताई. पुलिस ने बीते सोमवार को उसका बयान दर्ज कर आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. ये हैरान करने वाली कहानी झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग (Hazaribagh) शहर के पेलावल ओपी इलाके की है.
पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
तकरीबन 6 महीने बाद कोमा से लौटे युवक का नाम मोहम्मद मेराज है और वो रोमी गांव का रहने वाला है. उसने हॉस्पिटल में ही पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वो अपने 3 दोस्तों के साथ छड़वा डैम इलाके में घूमने गया था. डैम साइड में ही खाने-पीने के बाद उसके दोस्तों ने आपसी विवाद को लेकर उसे बुरी तरह पीटा और हथियार से उसकी गर्दन की नस काट दी, इसके बाद उसे डैम में फेंक दिया गया. उसने बताया है कि उसकी गर्दन रहमत नगर निवासी मेराज उर्फ बंटी ने काटी थी, जबकि 2 अन्य दोस्तों ने उसका साथ दिया था. इसके बाद की कोई बात उसे याद नहीं है. पेलावल ओपी प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि युवक के बयान के आधार पर मुख्य आरोपी मेराज उर्फ बंटी को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
परिजनों ने बताई ये बात
कोमा के बाद नई जिंदगी में लौटे मेराज के परिजनों के मुताबिक बुरी तरह से जख्मी हालत में जब उसे हजारीबाग स्थित शहीद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था, तब डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया था. वो 6 महीने तक हॉस्पिटल में ही बिस्तर पर पड़ा रहा, उसके जिस्म में कोई हरकत नहीं थी, लेकिन वो जिंदा रहा. मां-पिता और घर के लोग उसकी सेवा में लगे रहे. करीब एक हफ्ते पहले उसने लड़खड़ाती जुबान से कुछ-कुछ बोलना शुरू किया. बीते रविवार को चिकित्सकों ने युवक के कोमा से बाहर आने की सूचना पुलिस को दी थी. फिर उसने लड़खड़ाती जुबान में पूरी कहानी बताई. मेराज का अब भी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
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