Jharkhand: 'किसानों को केंद्र सरकार से नहीं मिला मुआवजा', 25 लाख किसानों की सहायता राशि पर बोले कृषि मंत्री
18 अप्रैल तक राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 33 लाख 62,823 सुखद राहत के लिए आवेदन दिया गया है. इनमें से 17 लाख 49 हजार 806 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने खरीफ फसल (धान, मकई आदि) की बुआई नहीं की.
Jharkhand News: झारखंड के 25 लाख से ज्यादा किसानों को अब तक सूखा राहत राशि नहीं मिली है. झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने अभी तक सुखाड़ राहत के नाम पर कोई सहायता राशि नहीं भेजी है. केंद्रीय टीम ने आकर प्रभावित जिलों का दौरा किया था. केंद्र को रिपोर्ट देने की प्रक्रिया जारी है. कई चरणों में टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट और अनुशंसा सरकार को देगी. राज्य सरकार ने लगभग 10 लाख से ज्यादा किसानों को फिलहाल 3,500 रुपये के हिसाब से राहत राशि दी है. वहीं केंद्र से हमने 9,500 करोड़ की सहायता मांगी है.”
18 अप्रैल तक राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 33 लाख 62,823 सुखद राहत के लिए आवेदन दिया गया है. इनमें से 17 लाख 49 हजार 806 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने खरीफ फसल (धान, मकई आदि) की बुआई नहीं की थी. इनमें जिन किसानों की फसल क्षतग्रिस्त हुई है, वे लगभग 33 प्रतिशत से ज्यादा है. यह आंकड़ा 10 लाख 259 के लगभग है. राज्य में 6 लाख 12 हजार 758 भूमिहीन कृषक मजदूरों ने भी सहायता के लिए आवेदन दिया है. वहीं हेमंत सरकार ने घोषणा की थी कि केंद्रीय सहायता मिलने तक राज्य सरकार सुखाड़ प्रभावित किसानों को राजकोष से 3,500 रुपये प्रति किसान सहायता के रूप में देगी.
22 जिलों में सूखे का असर
वहीं कृषि मंत्री बादल के अनुसार अभी तक 10 लाख से ज्यादा किसानों को सहायता राशि दी जा चुकी है. राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था. इनमें पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा को छोड़कर शेष 22 जिलों में सुखाड़ का साफ असर देखा गया. 22 जिलों में सात जिलों में आंशिक सुखाड़ का असर देखा गया. इनमें रांची, बोकारो, रामगढ़, लोहरदगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसांवा शामिल हैं. 15 जिलों में सूखे का सर्वाधिक असर देखा गया, उनमें खूंटी, पलामू, गढ़वा, लातेहार, हजारीबाग, धनबाद, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज जिले हैं. खरीफ फसल (धान, मकई)की बुआई का समय अब करीब आ रहा है. किसान केंद्र और राज्य सरकार से सुखाड़ सहायता की आस लगाए बैठे हैं.