Jharkhand Politics: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो (Sudesh Mahto)ने हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा है. सुदेश महतो ने कहा कि, मुख्यमंत्री और मंत्री का पद लर्निंग स्कूल नहीं होतो है. जनभावना के अनुरूप नीतियां बनाने और फैसले लेने के लिए सरकार बनती है. आधे-अधूरे प्रयोग के लिए सरकार कतई नहीं बनती है. महतो ने आग कहा कि, जिनमें कोई नेतृत्व क्षमता और विजन नहीं था, उन्हें सत्ता मिल गई. ऐसे में ओबीसी, एसटी और एससी समुदाय के लोग खूब छले गए हैं.
दरअसल, सुदेश महतो रविवार को रांची में आयोजित सामाजिक न्याय मार्च के बाद हरमू मैदान में आयोजित सभा में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की नाकामियों, दोषपूर्ण नीतियों और लूट-खसोट के रवैये पर जमकर हमला बोला. आजसू अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार की नीयत में शुरू से खोट है. महतो ने कहा सरकार ने स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण, ट्रिपल टेस्ट, विस्थापन नीति, आंदोलनकारियों के मान-सम्मान सहित तमाम अहम विषयों की अनदेखी की. जातीय जनगणना सामाजिक न्याय का आधार है, लेकिन जातीय जनगणना कराने के प्रति सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है.
एयर एबुलेंस पर किया तंज
सुदेश ने कहा कि 40 महीने की सरकार एक भी नीति स्पष्ट रूप से लागू नहीं कर सकी. ना नीति बनी और न ही युवाओं को नौकरी मिली. जिस गुमान के साथ जोहार यात्रा पर निकले थे, उसे बंद क्यों कर दिया गया. अब 60-40 का एक नया फार्मूला आया है, लेकिन मुख्यमंत्री इस फार्मूले पर कभी चर्चा नहीं करते हैं. महतो ने कहा कि अगले 20 महीने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. सामाजिक न्याय हमारी लड़ाई का आधार है. वहीं एयर एंबुलेंस की योजना पर तंज कसते हुए महतो ने कहा कि राज्य की साधारण और बड़ी आबादी को रोड एंबुलेंस और मुकम्मल प्राथमिक इलाज तो पहले मुहैया करा दें.