Jharkhand News: झारखंड में बेहद कम समय मे खूंखार गैंगस्टर के रूप में सामने आने वाला अपराधी अखिलेश सिंह इन दिनों जेल में बंद है. बता दें कि, पढ़े लिखे परिवार में जन्मे अखिलेश सिंह के पिता चंद्रगुप्त सिंह खुद पुलिस में रह चुके हैं. वे झारखंड पुलिस मेस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. फिलहाल, चंद्रगुप्त सिंह रिटायर्ड है और राजनीति में सक्रिय नजर आते हैं. दरअसल, जमशेदपुर में अखिलेश सिंह की तूती बोलती है. वहां के व्यवसायियों में अभी भी अखिलेश सिंह का खौफ दिखता है. यहां तक कि टाटा स्टील के बड़े अधिकारियों में भी अखिलेश सिंह का खौफ देखने को मिलता है.
दरअसल, शुरुआती दौर में अखिलेश सिंह ट्रांसपोर्ट के धंधे से जुड़ा था, तभी जमशेदपुर के ट्रांसपोर्टर अशोक शर्मा की हत्या कर दी गई और इसका इल्जाम अखिलेश पर आया. साथ ही व्यवसायी ओम प्रकाश काबरा के किडनैपिंग का भी इल्जाम अखिलेश सिंह के सर पर ही था. मगर कुछ दिनों के बाद अखिलेश सिंह को इन दोनों मामलों पर जमानत मिल गई थी. उसके बाद अखिलेश सिंह का दबदबा इलाके में बढ़ता चला गया. अब अखिलेश व्यवसायी के रूप में नहीं बल्कि गैंगस्टर अखिलेश सिंह के नाम से जाना जाने लगा.
कौन है अखिलेश सिंह का बेदह करीबी?
वहीं अखिलेश सिंह के बेहद करीबी के रूप में सोनू सिंह और विनोद सिंह का नाम आया. यह दोनों शार्प शूटर के रूप में जाने जाते थे. बागबेड़ा कॉलोनी निवासी ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह को जमशेदपुर कोर्ट परिसर के बाहर भवन में 30 नवंबर 2016 को गोली मार दी गई थी. यहां घटनास्थल पर ही भीड़ ने सोनू सिंह और विनोद सिंह को घेर कर पकड़ लिया था. जिसके बाद सीता रामडेरा थाना की पुलिस इन दोनों शूटरों को अपने हिरासत में ले लिया था. दोनों के पास से पिस्तौल कारतूस और अन्य सामान भी बरामद किए गए थे. बता दें कि, सोनू सिंह का दबदबा भी अपने क्षेत्र में खूब देखने को मिल जाता है.
सोनू सिंह पर है ये आरोप
अखिलेश सिंह के बाद अगर पार्टी में किसी का खौफ चलता है तो वह है सोनू सिंह. सोनू सिंह के नाम से कई व्यवसायी पार्टी को फंड देने को मजबूर है. सोनू सिंह जितना खूंखार बताया जाता है उतना ही तेज दिमाग का भी है. बताया जाता है कि सोनू सिंह का निशाना कभी चुकता नहीं है. अखिलेश सिंह ने ऐसे गुर्गों के बदौलत ही अपना वर्चस्व कायम किया है. सोनू सिंह पार्टी के प्रति वफादार भी बताया जाता है. कई बार अखिलेश सिंह के इशारे पर सोनू सिंह ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है. 7 जून को रांची के होटवार जेल से जब पुलिसकर्मी शूटर सोनू को कोर्ट लेकर गए तो साथ ही साथ सोनू के कई गुर्गे भी सोनू के साथ कोर्ट पहुंचे. बता दें कि,अखिलेश सिंह के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले उपेंद्र सिंह की हत्या के जुड़े मामले में सोनू की कोर्ट में पेशी थी.