Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ में 108 एंबुलेंस के सभी ईएमटी (Emergency medical technician) और ड्राइवर ने सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरने पर बैठ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहैं. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के अनुसार सभी चालक और ईएमटी को पांच महीने से वेतन नहीं मिला हैं, जिससे उनमें आक्रोश है. उनका कहना है कि हम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर चौबीसों घंटे जनता की सेवा के लिए हाजिर रहते हैं, लेकिन बदले में हमें क्या मिल रहा है.
कर्मचारियों ने आगे कहा कि, कोरोना जैसे डरावने और बुरे हालात में भी हमने अपने परिवार का फिक्र किए बगैर लोगों की सेवा की और आज हम भुखमरी के कगार पर आ गए हैं, लेकिन हमारी समस्या को हल करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में अब जब तक हमारे बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तब तक हम लोग हड़ताल पर रहेंगे. बता दें कि, मंगलवार से रामगढ़ जिले के सभी 108 एंबुलेंस के करीब 40 कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं रामगढ़ जिले के सिविल सर्जन ने इस स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस कर्मचारियों से बात करने और चालकों के मांग पत्र को सरकार को भेजने की बात कही है.
जल्द ही शुरू होगा दूसरे कंपनी का टेंडर
एंबुलेंस चालकों ने कहा कि इस स्थिति के कारण सभी कर्मी बेहद तनाव की स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी नौकरी खोने से डर से काम कर रहे थे, लेकिन जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड का टेंडर 17 अगस्त 2023 तक ही है, इसके बाद नई कंपनी के दूसरे एंबुलेंस काम करने लगेंगे. दूसरी कंपनी के एंबुलेंस रामगढ़ पहुंच भी चुके हैं और बहाली भी शुरू हो गई है. अब कंपनी के लोग डरा धमका रहे हैं कि अगर दूसरी कंपनी में गए तो किसी के वेतन का भुगतान नहीं होगा.
दरअसल, एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इस हालात में उन्हें अधिक कीमतों पर प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है. 108 एंबुलेंस से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी राहत मिलती है, लेकिन ड्राइवरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्रामीण इलाके की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
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