Jharkhand News: झारखंड के गिरिडीह की एक घटना ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है. सवालों के घेरे में हेल्थ डिपार्टमेंट से लेकर ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी है. दरअसल यह मामला गावां प्रखंड मुख्यालय और डाबर गांव का है, जहां रविवार की शाम को वज्रपात की घटना घटी. इस दौरान घर से कुछ दूरी पर दुर्गा मंदिर के पास बैठी 60 वर्षीय मसो सरस्वती देवी वज्रपात की चपेट में आकर झुलस गई. 


ऐसे में महिला को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाने के लिए परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों ने एंबुलेंस के लिए संपर्क किया, लेकिन नदी में बाढ़ होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी. ऐसे में लोगों ने महिला को खाट पर लादकर किसी तरह नदी को पार किया. लगभग चार किमी दूरी तय करने के बाद महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया. वहीं इस घटना को लेकर सेरुआ पंचायत के मुखिया गुरु सहाय रविदास ने बताया कि, नदी पर पुल रहता और गांव की सड़क अच्छी रहती तो शायद एम्बुलेंस भी पहुंचती और महिला बच भी सकती थी. 


पुल होता तो बच सकती थी महिला की जान
वहीं पंचायत समिति सदस्य प्रदीप चौधरी ने बताया कि, घटना के बाद महिला को खटिया पर लादा गया और नदी को पार करने में एक घंटा से अधिक समय लग गया. नदी के दूसरी तरफ भी यदि एम्बुलेंस खड़ी रहती तो गांव से चार किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक महिला को जल्दी पहुंचाया जा सकता था. इस घटना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी महेन्द्र रविदास से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे बाहर हैं और उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. गावां के सिविल सर्जन एसपी मिश्रा ने बताया कि, महिला को खाट पर लादकर अस्पताल लाया गया था, लेकिन महिला दम तोड़ चुकी थी. उन्होंने कहा कि, गांव के रास्ते में पड़ने वाली नदी पर पुल नहीं होने के कारण एम्बुलेंस नहीं जा सकता था.




यह भी पढ़ें: Dumri Bypoll Result 2023: डुमरी उपचुनाव में मुस्लिमों की पसंद बनी I.N.D.I.A, आंकड़ों से समझें पूरा गणित, AIMIM को झटका