Jharkhand Politics: झारखंड में अपने ही प्रभारी और अध्यक्ष का कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया है. कांग्रेस नेता आलोक दुबे ने कहा कि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ किए गए अलोकतांत्रिक व्यवहार और मोदी (Modi) की तानाशाह नीतियों के खिलाफ 'जय भारत सत्याग्रह' पूरे देश में आयोजित करना था, लेकिन झारखंड में प्रभारी सत्याग्रह नहीं कर रहे हैं, बल्कि माला पहन रहे हैं. राहुल गांधी तक को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय (Avinash Pandey) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) धोखा दे रहे हैं. कांग्रेस के निलंबित तीनों विधायकों को कोर्ट द्वारा आरोप मुक्त किया गया, लेकिन अविनाश पांडेय ने निलंबन वापस करना तो दूर उनसे मिलना तक मुनासिब नहीं समझा. जबकि केसी वेणुगोपाल  इन विधायकों से मिले भी और उन्हें आश्वासन भी दिया और 2024 के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की बात कही.


वहीं अविनाश पांडेय के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से दुखित विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी के आंसू अविनाश पाण्डेय और राजेश ठाकुर को भारी पड़ेगे. प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी सार्वजनिक रूप से जब अपने ही मंत्रियों को अपमानित करते हैं और कहते हैं कि मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा हो गई है और वे बदले जाएंगे. इसका मतलब है जब मंत्री के काम ठीक नहीं तो सरकार भी कटघरे में है. ऐसे में अविनाश पांडेय बीजेपी के सचिवालय घेराव कार्यक्रम को समर्थन देते हैं. वहीं अविनाश पांडेय एक तरफ पार्टी को तो कमजोर कर ही रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अपनी ही सरकार को बदनाम कर रहे हैं. मंत्रियों की समीक्षा करते हैं, लेकिन रामगढ़ उपचुनाव की समीक्षा नहीं करते हैं. रामगढ़ का उपचुनाव ममत्व का चुनाव था, आन्दोलन और संघर्ष का चुनाव था न कि भ्रष्टाचार, मुनाफाखोरी व कमीशनखोरी का था. चुनाव की हार की पूरी जिम्मेदारी प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष की है. अगर जल्द इन दोनों को नहीं हटाया गया तो पार्टी में टूट से इंकार नहीं किया जा सकता है.


सीएम खुद करें काम का मूल्यांकन
वहीं कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि अविनाश पांडेय का हर निर्णय न सिर्फ विवादित रहा है, बल्कि पार्टी में असंतोष बढ़ा रहा है. अभी राज्य में बोर्ड निगम के गठन की बात चल रही है. मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से निवेदन करूंगा कि चयन की प्रक्रिया में गठबंधन दलों के कार्यकर्ताओं के कार्यों का मूल्यांकन करके ही निर्णय लें. विशेषकर सरकार के निर्माण में जिन हजारों कार्यकर्ताओं ने अपना पसीना बहाया, बीजेपी सरकार के खिलाफ आन्दोलन किया, लाठियां खाई, जेल गए. ऐसे कार्यकर्ताओं की अनदेखी नाइंसाफी होगी और समर्पित कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा लगेगा, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा. 


'ऐसे ही हालात रहे तो पार्टी बिखर जाएगी'
कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि अविनाश पांडेय के गलत फैसले एवं तानाशाही रवैये के कारण पार्टी टूटने के कगार पर है. बीजेपी जो आरोप लगा रही है कि अविनाश पांडेय मंत्रियों को डराकर मुद्रा मोचन कर रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई है यह बात प्रभारी को बतानी चाहिए. क्योंकि कार्यकर्ता इसको लेकर काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि अविनाश पांडेय एवं राजेश ठाकुर को हटाने के लिए कांग्रेस पार्टी अप्रैल महीने में ही बापू वाटिका मोरहाबादी मैदान में धरना देगी. वहीं कर्नाटक चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर धरना दिया जाएगा. उन्होंने कहा हमने बीजेपी से लम्बी लड़ाई लड़ी है, जेल गये हैं एक लड़ाई पार्टी के लिए लड़ेंगे.


आदिवासियों की हो रही उपेक्षा
कांग्रेस नेता रमेश उरांव ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी घूम-घूमकर पूरे देश में यात्रा कर रहे हैं और लोगों को जोड़ रहे हैं. वहीं अविनाश पांडेय और राजेश ठाकुर पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. इन दोनों की कार्यप्रणाली से पार्टी कमजोर हो रही है. जिला अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमिटी व डेलीगेट के गठन में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जिनके नेतृत्व में पार्टी सत्ता में आई है उनसे राय लेनी चाहिए. प्रखण्ड अध्यक्षों के मनोनयन में भी जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है, जिससे कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है. रमेश उरांव ने कहा कि प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी विरोधी हैं, जो इनके हर निर्णयों में दिखता है. सरकार के गठन में 28 एसटी सीट में 26 गठबंधन को आदिवासी समाज ने दिया, लेकिन जिस प्रकार प्रभारी और अध्यक्ष आदिवासी को अपमानित कर रहे हैं इनको पद से हटाना जरूरी है.


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