Jharkhand Budget Session: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू हो रहा है. आगामी 25 मार्च तक चलनेवाले सत्र में 17 कार्यदिवस होंगे. सत्र की शुरुआत 25 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी. वर्ष 2022-23 का बजट राज्य सरकार के वित्त मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव 3 मार्च को पेश करेंगे. बजट के दौरान 4 दिन मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होंगे. हर सोमवार को प्रश्नकाल के बाद आधे घंटे के लिए मुख्यमंत्री प्रश्नकाल निर्धारित होगा. इस दौरान विधायक सरकार के नीतिगत मामलों पर सीधे मुख्यमंत्री से सवाल कर पायेंगे.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा है कि बजट सत्र का सुचारू संचालन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. सदस्यों से सत्र को जनता के लिए उपयोगी बनाने की अपील की गई है. मर्यादित आचरण की भी अपेक्षा की गई है. सदस्यों को कहा गया है कि बहस के लिए तैयारी कर आयें. मंत्रियों को भी सदस्यों की ओर से पूछे जाने वाले प्रश्नों का संतोषप्रद जवाब देने को कहा गया है.
स्पीकर की बुलाई सर्वदलीय बैठक का भाजपा ने किया विरोध
आपको बता दें कि राज्य में भाषा, जेपीएससी परीक्षा का विवाद, मॉब लिंचिंग और पिछड़ा वर्ग आरक्षण जैसे मुद्दों पर सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. ऐसे में तय माना जा रहा है कि इन मुद्दों पर झारखंड विधानसभा में विपक्ष सरकार को घेरने क कोशिश करेगा. पक्ष-विपक्ष का बयान और दोनों ओर से बनाई जा रही रणनीति भी संकेत दे रही है कि सत्र हंगामेदार होगा. सत्र की तैयारियों के लिए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की तरफ से गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का भाजपा ने बहिष्कार कर दिया. भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को अब तक सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं देने पर पार्टी लगातार विरोध जता रही है और इसी वजह से पार्टी ने स्पीकर की ओर से बुलाई जाने वाली बैठकों से खुद को दूर रखने का निर्णय लिया है.
बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने की है मांग
झारखंड विधानसभा भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने बैठक में शामिल होने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पत्र आने की पुष्टि की है, लेकिन जब तक विधानसभा अध्यक्ष भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं देते, पार्टी ऐसी बैठक का बहिष्कार करेगी. इधर सरकार बजट सत्र में राज्य कर्मियों के प्रमोशन पर लगी रोक को हटाने से पहले या उसी क्रम में प्रमोशन देने के लिए नई प्रमोशन नीति विधेयक लाने की तैयारी में है. इसके अलावा सरकार व्यापारियों पर बकाया करों की एकमुश्त वसूली के लिए कर समाधान विधेयक भी सदन में पेश कर सकती है.