Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024:: झारखंड में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने है. इसको लेकर प्रदेश की ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) पार्टी एक्टिव मोड में आ गई है. इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आजसू पार्टी ने अपने रोड मैप तैयार किया है. पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति का खुलासा किया है. इसमें राज्य के लोगों की भावनाओं के अनुरूप होने पर उनकी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है.


सुदेश महतो ने कहा कि पिछले चार सालों से गठबंधन सरकार की गलत नीतियों की वजह से राज्य की जनता में अंसतोष है. उन्होंने गठबंधन सरकार के खिलाफ समाज के सभी वर्गों की आवाज को बढ़ाने के लिए पार्टी के संकल्प की घोषणा की. आजसू अध्यक्ष ने कहा कि गिरिडीह लोकसभा सीट के परिणाम को लेकर पार्टी की ओर से 18-20 जून को अलग-अलग क्षेत्रों में आभार यात्रा निकाला जाएगी. 22 जून को पार्टी के लिहाज से महत्वपूर्ण दिन बताया. इसके साथ ही कहा कि 26 जून से जुलाई के अंत तक हर विधानसभा में ग्राम प्रभारी और जिला प्रभारियों का शपथ ग्रहण होगा.


साथ ही सुदेश महतो ने कहा कि उनकी पार्टी का एनडीए नेतृत्व में पूर्ण विश्वास है. पार्टी लोकसभा की तरह विधानसभा का चुनाव एनडीए के साथ लड़ेगी और राज्य की मौजूदा सरकार की विदाई सुनिश्चित करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा चंपई सोरेन सरकार ने जनता से जितने भी वादे किए, सारे झूठे साबित हुए. रोजगार और डोमिसाइल के लिए जिन वादों के साथ ये लोग सत्ता में आए थे, उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया.


सुदेश महतो ने जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप


आजसू अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार ने नियोजन और विस्थापन नीति को लेकर केवल राजनीति की रोटियां सेंकी है. हम लंबे समय से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और नगर निकायों चुनाव में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन यह सरकार इस मुद्दे पर जनता को गुमराह करती रही है. राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने बगैर किसी सर्वे और आंकड़े के 27 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. इसी तरह आदिवासियों के 'सरना धर्म कोड' के नाम पर सिर्फ आंखों में धूल झोंका जा रहा है.


सुदेश महतो ने कहा कि विपक्ष ने लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए के खिलाफ दुष्प्रचार किया. उन्होंने 'संविधान बदलने', 'आरक्षण खत्म करने' का झूठ फैलाया. जबकि, एनडीए के तमाम बड़े नेताओं ने झारखंड की इसी धरती पर कहा कि जब तक उनकी सांस है, कोई संविधान नहीं बदल सकता.


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