Jharkhand Election 2024: झारखंड में आदिवासी वोटों पर BJP की खास नजर, अर्जुन मुंडा समेत ये बड़े नेता लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव में कुछ महीने ही रह गए हैं. बीजेपी अपनी तैयारियों में जुट गई है और अब प्रत्याशियों के नाम पर भी चर्चा शुरू हो गई है.
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उधर, बीजेपी विधानसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और बड़े आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारने जा रही है. इनमें वह नेता भी शामिल हैं जो लोकसभा का चुनाव हार गए हैं. इसके साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी चुनाव लड़ेंगे.
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे सुदर्शन भगत, दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे अर्जुन मुंडा, बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव पूर्व आईपीएस डॉ. अरुण उरांव, पूर्व सांसद गीता कोड़ा ,सुनील सोरेन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी जैसे नेताओं को उम्मीदवार बनाने की तैयारी चल रही है. गीता कोड़ा सिंहभूम और अर्जुन मुंडा खूंटी से लोकसभा चुनाव हार गए हैं.
इनके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी चुनाव लड़ेंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी सीटों पर खास प्रदर्शन नहीं किया था. हाल के लोकसभा चुनाव में भी आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी पांच सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से ही पार्टी आदिवासी मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने की रणनीति पर लगातार काम कर रही है.
आदिवासी चेहरा उतारने के पीछे है यह कारण
बीजेपी का मानना है कि बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने से उनकी सीटों के साथ-साथ आसपास की सीटों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ये नेता किन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, इसका फैसला जुलाई से होने की उम्मीद है. राज्य में इस बार चुनावी लड़ाई को बीजेपी कितनी गंभीरता से ले रही है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि रणनीति की कमान राष्ट्रीय स्तर के दो दिग्गज नेताओं शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा को सौंपी गई है.
शिवराज और हिमंता को मिली है जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संसद का सत्र समाप्त होने के बाद शिवराज सिंह चौहान यहां लंबे समय तक कैंप करेंगे. उनका राज्य के सभी प्रमंडलों में दौरा और कार्यकर्ता समागम का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. हिमंता बिस्वा सरमा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दायित्व मिलने के बाद दो बार झारखंड आ चुके हैं. उन्होंने राज्य के बड़े आदिवासी नेताओं से उनके आवास पर जाकर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है और उनके साथ विमर्श कर आदिवासियों से जुड़े उन मुद्दों को समझा है, जिनका चुनाव पर असर पड़ सकता है.
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