(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हेमंत सोरेन के खिलाफ BJP ने चला तुरुप का इक्का! कौन हैं बरहेट सीट उम्मीदवार गमालियल हेम्ब्रम?
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड की बरहेट सीट से हेमंत सोरेन के खिलाफ लंबे मंथन के बाद बीजेपी ने गमालियन हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है. हेम्ब्रम पिछला चुनाव भी हेमंत के खिलाफ लड़ चुके हैं.
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड की सबसे हॉट विधानसभा सीट बरहेट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से सीएम हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अब बीजेपी को भी लंबे जद्दोजहद के बाद सीएम सोरेन को टक्कर देने वाला चेहरा मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी ने झामुमो उम्मीदवार हेमंत सोरेन के खिलाफ गमालियल हेम्ब्रम पर दांव लगाया है.
गौरतलब है कि नामांकन के एक दिन पहले लंबे मंथन के बाद बरहेट सीट से बीजेपी ने गमालियन हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है. हालांकि, बरहेट सीट गमालियल के लिए कोई नई सीट नहीं है. पिछले चुनाव में गमालियल हेमब्रम हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़े चुके हैं. बता दें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित यह सीट JMM के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. हेमंत सोरेन यहां से लगातार 2014 से चुनाव जीत रहे हैं.
हेमंत सोरेन के गढ़ में सेंध लगाएंगे हेम्ब्रम!
इस सीट को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. सीएम हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार नामांकन दाखिल किया है. बरहेट विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी. बरहेट सीट से बीजेपी उम्मीदवार गमालियल हेंब्रम टीचर की नौकरी छोड़कर करीब पांच साल पहले राजनीति में सक्रिय हुए थे. 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ गमालियल हेम्ब्रम आजसु पार्टी के टिकट से सरकारी नौकरी छोड़कर चुनावी अखाड़े में उतरे थे. उस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई थी, उन्हें महज 2573 वोट ही मिले थे.
बात दें गमालियल हेम्ब्रम खेल के प्रति अपनी गहरी रुचि के लिए जाने जाते हैं. वह बड़े पैमाने पर फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं, जिसमें देश-विदेश के खिलाड़ी भाग लेते हैं. बता दें साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, बरहेट ब्लॉक की कुल जनसंख्या 130,227 थी. अनुसूचित जातियों की संख्या 5,525 (4.24%) और अनुसूचित जनजातियों की संख्या 70,233 (53.93%) है.
हेमंत के खिलाफ गमलियल हेम्ब्रम ही क्यों?
कहा जा रहा है कि बीजेपी की आखिर तक की इस तलाश के पीछे कई वजहें हैं. गमालियल हेमब्रम बरहेट के ही रहने वाले हैं यानी वो अपनी घरेलू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. गमालियल साल 2017 से संघ से जुड़े हुए हैं और सक्रिय तौर पर काम करते रहे हैं. संगठन के कार्यकर्ता से हुई बातचीत के मुताबिक, गमालियल संथाली हैं और युवा हैं, उनकी अपने क्षेत्र में पहचान गहरी है. इतना ही नहीं, बीजेपी आने वाले दिनों में झारखंड का जो स्वरूप देखना चाहती है वो उसमें बिल्कुल फिट बैठते हैं.
दूसरी तरफ बीजेपी में हेमंत सोरेन के खिलाफ मजबूत चेहरे की तलाश 2014 से चल रही है. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने हेमंत के खिलाफ हेमलाल मुरमू को उतारा पर जीत नहीं मिल सकी. 2019 में हेमंत सोरेन के खिलाफ बीजेपी ने तमाम बैठकों के बाद सिमोन मलतो को टिकट दिया पर उस चुनाव में हेमंत के खिलाफ सिमोन को 47,985 वोटों से संतोष करना पड़ा. वहीं इस बार अब गमालियल पर जाकर बीजेपी की खोज खत्म हुई है.