'इरफान अंसारी नौटंकीबाज, गलती माफी लायक नहीं', अभद्र टिप्पणी मामले में भड़कीं सीता सोरेन
Jharkhand Election 2024: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने शनिवार को इरफान अंसारी की टिप्पणी का संज्ञान लिया और झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड सरकार में मंत्री और प्रदेश कांग्रेस नेता इरफान अंसारी द्वारा अभद्र टिप्पणी के मामले में सीता सोरेन ने पलटवार करते हुए हमला बोला है. उन्होंने इरफान अंसारी को नौटंकीबाज बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे से गलती हो जाती है, लेकिन ये माफी लायक नहीं है.
वहीं सीता सोरेन ने कहा, हम इरफान अंसारी के आतंक से हम मुक्ति दिलाएंगे. झारखंड हमारा घर है हम कहीं से चुनाव लड सकते है इरफान अंसारी अपनी जगह देख लें. दरअसल, जामताड़ा से बीजेपी ने सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया तो वहीं इरफान अंसारी भी यहीं से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.
#WATCH | Jharkhand: BJP candidate from Jamtara assembly seat Sita Soren says, "I want to give a message to the people of Jamtara that we will complete the development which is incomplete here and we will free the people from the terror of Irfan Ansari who were suppressed for so… pic.twitter.com/M0cvcBXgve
— ANI (@ANI) October 28, 2024
'आतंक से दिलाएंगे मुक्ति'
सीता सोरेने ने आगे कहा, जामताड़ा का विकास होगा. जनता मुझे प्यार दे रही है, जनता शत प्रतिशत वोट हमें देने जा रही है. जामताड़ा को आतंक से मुक्ति दिलवाएंगे. गुरुजी का आर्शीवाद हमेशा हमारे साथ रहा है और अभी भी है.
ये आदिवासी महिलाओं का अपमान
इससे पहले रविवार (27 अक्टूबर) को उन्होंने कहा, "जब से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा हुई है, अंसारी मुझे निशाना बना रहे हैं. लेकिन नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने जो अपमानजनक टिप्पणी की, वह स्वीकार्य नहीं है. यह आदिवासी समुदाय की महिलाओं का अपमान है. आदिवासी समुदाय उन्हें कभी माफ नहीं करेगा."
NCST ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने शनिवार को अंसारी की टिप्पणी का संज्ञान लिया और झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
इस साल बीजेपी में हुईं थी शामिल
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन के छोटे बेटे हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जाने के बाद, मुख्यमंत्री पद को लेकर परिवार में मतभेद होने पर दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन इस साल की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुई थीं.
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