Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है. इसी बीच झामुमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर स्टार प्रचारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है. पार्टी का आरोप है कि पीएम मोदी के दौरे के दौरान सीएम हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को डेढ़ घंटे तक उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई. मामले पर अब राजनीति तेज होती नजर आ रही है. बीजेपी और झामुमो के नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं.


‘झामुमो अब बहाने बना रहा है’
मामले पर बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि अपनी निश्चित हार को देखते हुए झामुमो अब बहाने बना रहा है. पहले उन्होंने चुनाव की तारीखों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाए. अब वे कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उन्हें समान अवसर दिए जाए, जबकि सबको पता है कि प्रधानमंत्री जिस क्षेत्र में दौरा करते हैं, वहां हवाई उड़ान का प्रोटोकॉल होता है. उसी के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं. अभी तो इन्होंने (झामुमो) राष्ट्रपति को पत्र लिखा कोई बड़ी बात नहीं होगी कि वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास भी चले जाए. जब 23 नवंबर को मतगणना होगी तो इनका (झामुमो) सूपड़ा साफ होगा, ये हार से डरे हुए लोगों द्वारा बनाया गया बहाना है.



‘सभी पार्टियों को लेवल-प्लेइंग फील्ड मिलना चाहिए’
वहीं जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा कि बहुत गंभीर मामला है. लोकतंत्र में चुनाव के दौरान प्रचार के लिए लेवल-प्लेइंग फील्ड मिलना चाहिए. सभी पार्टियों को लेवल-प्लेइंग फील्ड मिलना चाहिए. लेकिन, खुलेआम इसका उल्लंघन हुआ. एक तानाशाही सरकार ने एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री, हमारे स्टार प्रचारक, एक आदिवासी बेटे को चुनाव प्रचार से रोका गया, जिसका कोई औचित्य नहीं बनता है. हमारे नेता के हेलिकॉप्टर को गुदड़ी से उड़ना था और दूसरी जगह जाना था. लेकिन उन्हें एटीसी मंजूरी नहीं दी गई.


पांडे ने कहा कि चीजों को देखकर लग रहा है कि ये कितने बौखलाए हुए लोग हैं. कितने निराश और हताश लोग हैं. वे इस स्तर तक उतर आए हैं कि हमारे हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिले और हम चुनाव प्रचार नहीं कर पाए, हमारी रैलियों में बाधा उत्पन्न हो. ऐसी चीजें बीजेपी सरकार के इशारे पर की जा रही हैं, यह बहुत गलत और आपत्तिजनक है. इसलिए हमारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति को पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, क्योंकि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है.


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