एक्सप्लोरर

झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन का गठबंधन और NDA, कहां मजबूत-कहां कमजोर? जानें

Jharkhand politics: जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन को चुनौती देने के लिए, बीजेपी झारखंड के मुख्यमंत्री और अन्य विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर चुनाव जीतना चाहती है.

झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत गठबंधन से हार कर सत्ता गंवा बैठी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस आदिवासी बहुल राज्य में फिर से सरकार बनाने की कोशिश में लगी है. बीजेपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य विपक्षी नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर जोर देकर जेएमएम को चुनौती देने की योजना बना रही है.

इस बीच, कांग्रेस द्वारा समर्थित जेएमएम नीत गठबंधन आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिए मंईया सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना जैसी कल्याणकारी पहलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की. राज्य में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा.  यहां बीजेपी का ‘स्वोट’ (एसडब्ल्यूओटी) यानी ‘क्षमता  (स्ट्रेंथ), कमजोरी (वीकनेस), अवसर (अपॉर्च्युनिटीज), खतरे (थ्रेट्स)’ विश्लेषण किया गया है. 


झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन का गठबंधन और NDA, कहां मजबूत-कहां कमजोर? जानें

बीजेपी का स्वोट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा सहित अन्य बीजेपी नेताओं का आक्रामक अभियान. उन्होंने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया है. बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 31.8 प्रतिशत वोट के साथ 37 सीट जीती थीं, लेकिन 2019 में ये घटकर 25 रह गईं. इस बार उसने अपनी पुरानी सहयोगी आजसू पार्टी के साथ गठबंधन किया है. 2019 में 25 सीट के बावजूद उसे 33.8 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि जेएमएम को 19 प्रतिशत वोट मिले थे और उसके खाते में 30 सीट आई थीं.

बीजेपी बांग्लादेशी घुसपैठ और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर अपना प्रचार अभियान केंद्रित कर रही है, जिसमें जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के नेताओं के यहां ईडी और सीबीआई की छापेमारी का हवाला दिया जा रहा है. इनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पांच महीने जेल में बिताए थे. पार्टी अपनी रणनीति के तहत कानून-व्यवस्था के मुद्दों, महिलाओं के खिलाफ अपराध और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को भी उजागर कर रही है. बीजेपी राज्य में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण करके अपने विकास के मुद्दे को भुनाना चाहती है.     

जेएमएम नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जिनकी आदिवासी पट्टी में काफी पकड़ है, बीजेपी में शामिल हो गए. सिंहभूम (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. इनके अलावा, जामा विधायक सीता सोरेन, बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव और झारखंड में राकांपा के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह भी भगवा पार्टी में शामिल हो गए.

कमजोरियां
मतदाता जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन से प्रभावित हो सकते हैं, जिसने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद राज्य में हाल में पैदा हुए राजनीतिक संकट के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया है. सोरेन की पत्नी कल्पना औपचारिक रूप से जेएमएम में शामिल हो गईं और गांडेय विधानसभा से उपचुनाव जीत चुकी हैं. वह एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरी हैं.-बीजेपी की आंतरिक कलह और नेताओं के बीच समन्वय की कमी.

अवसर
भ्रष्टाचार और घुसपैठ के आरोपों का सामना कर रहे  प्रतिद्वंद्वी के सामने बीजेपी को विधानसभा की अधिकतर सीटें जीतने का मौका मिल सकता है.

खतरे
राज्य विधानसभा की 81 सीटों में से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर ‘विक्टिम कार्ड’ खेल सकता है, जो आदिवासी समुदाय से हैं. 

महागठंधन का स्वोट

झारखंड मंईया सम्मान कार्यक्रम और अबुआ आवास योजना सहित जेएमएम नेताओं का आक्रामक प्रचार और कल्याणकारी कार्यक्रम.  - बीजेपी के भीतर की अंदरूनी कलह पार्टी के लिए खेल बिगाड़ सकती है.यहां जेएमएम-कांग्रेस का भी ‘स्वोट’ विश्लेषण प्रस्तुत है.

क्षमता
ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दा आदिवासी भावनाओं को जगा सकता है जहां जेएमएम-कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं के साथ ‘विक्टिम कार्ड’ खेल रही हैं, जो बड़े पैमाने पर मानते हैं कि मुख्यमंत्री को झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. सत्तारूढ़ गठबंधन बीजेपी पर उनकी गिरफ्तारी को लेकर आरोप लगा रहा है. 

सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसमें जेएमएम-कांग्रेस शामिल हैं, ने लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं, जैसे महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली मंईया सम्मान योजना, आपकी योजना, आपकी सरकार-आपके द्वार, सार्वभौमिक पेंशन, खेल और शिक्षा योजनाएं, अबुआ आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाएं. ये पहल मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ा सकती हैं.

जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर जनगणना में सरना को एक अलग धर्म के रूप में शामिल करने की मांग की और एक अलग सरना धार्मिक संहिता की मान्यता के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की.

‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी 1932-भूमि रिकॉर्ड आधारित मूल निवास नीति पर बीजेपी को घेरने की कोशिश करेंगे क्योंकि राज्य सरकार ने 1932-खतियान आधारित मूल निवास नीति पारित की है जो राज्यपाल के पास लंबित है.   

कमजोरियां
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, विधायक सीता सोरेन, राज्य में कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा और कुछ अन्य प्रमुख नेताओं का बीजेपी में जाना. - ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों के बीच अंदरूनी खींचतान, जो अभी तक साझेदारों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं. कांग्रेस और जेएमएम के बीच मतभेद समय-समय पर स्पष्ट होते रहे हैं. इससे पहले 12 असंतुष्ट विधायकों में से आठ झारखंड मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचे थे.

अवसर
पति की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन शक्तिशाली नेता के रूप में उभरी हैं. 28 आदिवासी सीट हैं जहां उसे अच्छी बढ़त हासिल है.

ये भी पढ़ें: 'BJP सत्ता में आई तो स्कूल कर देगी बंद, बिजली होगी महंगी', हेमंत सोरेन के मंत्री का बयान

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Israel Hamas war: काले धुएं के गुबार से पट गया गाजा का आसमान, हर 10 मिनट में इजरायल कर रहा ताबड़तोड़ हमला
काले धुएं के गुबार से पट गया गाजा का आसमान, हर 10 मिनट में इजरायल कर रहा ताबड़तोड़ हमला
हुड्डा या चंद्र मोहन...हरियाणा में विपक्ष का नेता कौन होगा? समझें किस खेमे में कितने विधायक?
हरियाणा: हुड्डा या चंद्र मोहन...हरियाणा में विपक्ष का नेता कौन होगा? समझें किस खेमे में कितने विधायक
शादीशुदा मर्द के प्यार में पड़ी थी ये बड़ी एक्ट्रेस, खुद की मां ने कहा था होम ब्रेकर
शादीशुदा मर्द के प्यार में पड़ी थी ये बड़ी एक्ट्रेस, खुद की मां ने कहा था होम ब्रेकर
इस्तेमाल नहीं होने पर IGL कनेक्शन को ऐसे करवा सकते हैं टेंपरेरी बंद, हर महीने नहीं आएगा बिल
इस्तेमाल नहीं होने पर IGL कनेक्शन को ऐसे करवा सकते हैं टेंपरेरी बंद, हर महीने नहीं आएगा बिल
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News: Panipat से लॉरेंस गैंग का शूटर गिरफ्तार | Lawrence Bishnoi | Salman Khan | ABP News24 Ghante 24 Reporter Full Episode: देखिए दिन की बड़ी खबरें विस्तार से | Haryana CM Oath CeremonyGhaziabad Maid News : गाजियाबाद में 'कामवाली' की बेहूदा हरकत से पूरा शहर हैरान | ABP NewsBharat Ki Baat: Omar Abdullah को मिल गई कमान...'INDIA' वाले मेहमान! | Congress | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Israel Hamas war: काले धुएं के गुबार से पट गया गाजा का आसमान, हर 10 मिनट में इजरायल कर रहा ताबड़तोड़ हमला
काले धुएं के गुबार से पट गया गाजा का आसमान, हर 10 मिनट में इजरायल कर रहा ताबड़तोड़ हमला
हुड्डा या चंद्र मोहन...हरियाणा में विपक्ष का नेता कौन होगा? समझें किस खेमे में कितने विधायक?
हरियाणा: हुड्डा या चंद्र मोहन...हरियाणा में विपक्ष का नेता कौन होगा? समझें किस खेमे में कितने विधायक
शादीशुदा मर्द के प्यार में पड़ी थी ये बड़ी एक्ट्रेस, खुद की मां ने कहा था होम ब्रेकर
शादीशुदा मर्द के प्यार में पड़ी थी ये बड़ी एक्ट्रेस, खुद की मां ने कहा था होम ब्रेकर
इस्तेमाल नहीं होने पर IGL कनेक्शन को ऐसे करवा सकते हैं टेंपरेरी बंद, हर महीने नहीं आएगा बिल
इस्तेमाल नहीं होने पर IGL कनेक्शन को ऐसे करवा सकते हैं टेंपरेरी बंद, हर महीने नहीं आएगा बिल
Watch: रोहित शर्मा की गाड़ी के पीछे भाग रहा था फैन, फिर हिटमैन ने कर दिया चौंकाने वाला काम; देखें वीडियो
रोहित शर्मा की गाड़ी के पीछे भाग रहा था फैन, फिर हिटमैन ने कर दिया चौंकाने वाला काम
Shani Margi 2024: शनि मार्गी कब होंगे, इन राशियों को धन और करियर के मामले में रहना होगा सावधान
शनि मार्गी कब होंगे, इन राशियों को धन और करियर के मामले में रहना होगा सावधान
'हम जवाब देंगे तो हिल जाएगा कनाडा...', ट्रूडो के आरोपों पर भड़के केंद्रीय मंत्री
'हम जवाब देंगे तो हिल जाएगा कनाडा', ट्रूडो के आरोपों पर भड़के केंद्रीय मंत्री
ड्रिंक के बाद दांत से कांच का गिलास तोड़कर क्यों चबाते हैं पैरा कमांडो? जानें ये करना क्यों है जरूरी
ड्रिंक के बाद दांत से कांच का गिलास तोड़कर क्यों चबाते हैं पैरा कमांडो? जानें ये करना क्यों है जरूरी
Embed widget