Jharkhand News: झारखंड विधानसभा में बुधवार (31 जुलाई) को एक घटनाक्रम में मार्शल की मदद से विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के विधायकों को सदन से जबरन बाहर निकालकर लॉबी में ले जाया गया. इन विधायकों ने यह कहते हुए हटने से इनकार कर दिया कि वह रोजगार सहित प्रमुख मुद्दों से जुड़े उनके सवालों का जवाब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से नहीं दिए जाने के विरोध में वहीं रात बिताएंगे.
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी वह आसन के सामने धरना दे रहे थे, लेकिन इसके बावजूद लाइट और एसी बंद कर दी गईं. बीजेपी के एक विधायक ने दावा किया कि रात 10 बजे के आसपास शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के बावजूद मार्शल उन्हें आसन के सामने से जबरन खींचकर लॉबी में ले गए.
विधायकों ने सीएम के खिलाफ की नारेबाजी
सदन की कार्यवाही गुरुवार को दोपहर 11 बजे फिर से शुरू होनी है. वहीं एक अन्य विधायक ने कहा कि वह पूरी रात विधानसभा लॉबी में धरना देंगे. मुख्य प्रवेश द्वार से सटी लॉबी में लेटे हुए वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए. विधायकों की रात में मेडिकल जांच की गई और उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई.
बीजेपी की झारखंड इकाई के प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र की हत्या है, क्योंकि विपक्षी विधायकों को विधानसभा के अंदर बंधक बना लिया गया. राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री सोरेन ने 23 विधायकों (जिनमें 21 बीजेपी के और दो आजसू पार्टी के थे) से मुलाकात की और उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे.
वहीं सदन ने कुछ देर के लिए बाहर आए बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने मीडिया से कहा कि हमने मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांगें रखीं और उनसे जवाब का आश्वासन मांगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शुक्रवार को इन मुद्दों पर जवाब देंगे. हम गुरुवार को उनका जवाब चाहते हैं, क्योंकि ये मुद्दे लोगों और सरकार के वादों से संबंधित हैं.
कांग्रेस ने किया तंज
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी विधायकों को बंधक बना लिया गया, बत्तियां बुझा दी गई, एसी बंद और पेयजल आपूर्ति बंद कर दी गई. विधायक अंधेरे में धरने पर बैठे रहे. मार्शल तैनात किए गए. कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आज विधानसभा में बीजेपी द्वारा किए गए हंगामे से सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा. हर कोई उनकी चिंताओं को सुनने के लिए तैयार था.
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी लगातार उनसे सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कह रहे थे. वह इस तरह से लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते. सदन के अंदर बीजेपी विधायकों के धरने की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या और हमारे संविधान का अपमान है. इस कृत्य से देश में राज्य की छवि खराब होगी. विधानसभा अध्यक्ष को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
बीजेपी युवा मोर्चा ने भी विधानसभा के बाहर धरना दिया और सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राज्य सरकार में मंत्री और झामुमो विधायक मिथिलेश ठाकुर ने बीजेपी विधायकों के आंदोलन को बचकानी जिद करार दिया और दावा किया कि वह गलत मिसाल कायम कर रहे हैं.