Jharkhand News: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन समापन अभिभाषण में सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि, हम हजारों पदों पर नियुक्ति कर चुके हैं. वहीं 40 से 50 हजार पदों पर और नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा चुके हैं. मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि सिर्फ और सिर्फ झारखंडियों को ही रोजगार एवं स्वरोजगार दूंगा. आगे उन्होंने कहा कि नियुक्ति में जो 15-20 फीसदी बाहरी आ रहे हैं उसे भी रोकेंगे. सीएम ने आगे कहा कि, वन संरक्षण नियमावली में पिछले साल ग्राम सभा के अधिकार को छीन लिया गया.
इसके बाद फिर लोकसभा के चल रहे मानसून सत्र में वन संरक्षण कानून में केंद्र सरकार ने ऐसे संशोधन कर दिए हैं कि, भविष्य में आदिवासियों से उनका जंगल ही छीन लिया जाएगा. लेकिन मैंने न तो पिछले साल के संशोधित नियमावली को इस राज्य में लागू होने दिया और न ही अभी कानून में किए गए बदलाव से आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने की केंद्र सरकार के मनसूबे को सफल होने दूंगा. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य सरकार विस्थापन आयोग, एससी एवं एसटी आयोग का भी गठन करने जा रही है.
सीएम ने राज्यपाल पर लगाया ये आरोप
वहीं सुखाड़ के मद में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 9000 करोड़ रुपये देना था, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को मात्र 500 करोड़ों ही दिए. सीएम ने कहा कि झारखंड में आठ लाख वंचित पात्र लाभुकों के लिए पीएम आवास स्वीकृत करने का बार-बार मांग कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विधानसभा द्वारा 1932 के खतियान वाली स्थानीयता और पिछड़ों को 27% आरक्षण वाले विधेयक को पारित कराकर हम लोग भेजते हैं, तो उसको राज्यपाल के यहां लटका दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे पक्का यकीन है कि संविधान के आर्टिकल 200 के अंतर्गत राज्यपाल द्वारा संदेश विधानसभा को नहीं भेजना इसी साजिश का हिस्सा है. जिससे कि हम लोग यह दोनों विधेयक फिर से विधानसभा से पारित करके राज्यपाल को नहीं भेज पाएं.