(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand Assembly Monsoon Session: 2 दिन में दूसरी बार सदन में भिड़े कांग्रेस-बीजेपी विधायक, मारपीट की आई नौबत, सदन करना पड़ा स्थगित
Jharkhand Politics: इरफान अंसारी ने कहा कि मैं आदिवासी समाज का सबसे बड़ा हितैषी हूं. मैंने जो कहा उसे स्पंज किया जा चुका है. उन्होंने खेद भी प्रकट किया, लेकिन बीजेपी विधायक नारेबाजी करते रहे.
Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है और पूरे सत्र के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. ऐसे में गुरुवार को भी सदन की मर्यादा शर्मसार हुई. दरअसल, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Irfan Ansari) द्वारा बुधवार को आदिवासियों पर की गई एक टिप्पणी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस विधायकों में भिड़ंत हो गई. इस दौरान जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी और बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता आपस में भिड़ गए. दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं हुई. हालात ऐसे बने कि दोनों विधायकों के बीच मारपीट की नौबत आ गई. बता दें कि यह दूसरी बार है जबकि विधानसभा में विधायक मारपीट पर उतारू हो गए.
विधायकों की हरकत से नाराज हुए स्पीकर
वहीं बुधवार को झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू और बीजेपी विधायक ढुलू महतो भिड़ गए थे. सदन में विधायकों की ऐसी हरकत से स्पीकर रबींद्रनाथ महतो काफी नाराज हुए. दरअसल, मानसून सत्र में गुरुवार को चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि इरफान अंसारी आदिवासियों पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए सदन में कान पकड़कर माफी मांगे वरना उनकी ऐसी-तैसी कर देंगे. इस पर इरफान अंसारी भड़क गए. वहीं बीजेपी विधायक इरफान अंसारी से माफी की मांग पर अड़े थे. इसपर इरफान अंसारी ने कहा कि मैं आदिवासी समाज का सबसे बड़ा हितैषी हूं. मैंने जो कहा उसे स्पंज किया जा चुका है. उन्होंने खेद भी प्रकट किया, लेकिन बीजेपी विधायक नारेबाजी करते रहे.
इरफान अंसारी के बयान से गरमाई सियासत
इसके बाद दोनों ही ओर से नारेबाजी हुई जिससे स्पीकर नाराज हो गए. उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी. गौरतलब है कि इरफान अंसारी द्वारा बुधवार को सदन में आदिवासियों पर की गई टिप्पणी से सियासत गरमा गई है. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि 'आदिवासी कब से इतना तेज हो गया. उनके इस बयान को स्पंज कर दिया गया, लेकिन बीजेपी ने जमकर विरोध किया. बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने भी इसकी आलोचना की. संबित पात्रा और अमित मालवीय ने ट्वीट कर कांग्रेस को आदिवासी विरोधी कहा. झारखंड में बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और दीपक प्रकाश सरीखे नेताओं ने भी टिप्पणी की.