Jharkhand Assembly Winter Session: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार (18 दिसंबर) को भी इसकी बैठक में भारी हंगामा होने के आसार हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार (17 दिसंबर) को कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाला विपक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब किये जाने और कांग्रेस सांसद के परिसर से 350 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त होने सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने की योजना बना रहा है.
हालांकि, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गठबंधन ने कहा कि वह सदन में विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार (15 दिसंबर) से शुरू हुआ. सदन की कार्यवाही शुक्रवार को थोड़े समय तक चली और फिर इसे 18 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने मीडिया से कहा, "हम सोमवार को दो मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगे, पहला मुख्यमंत्री द्वारा ईडी के समन को बार-बार नजरअंदाज करना और दूसरा कांग्रेस सांसद से जुड़े परिसर से बड़ी मात्रा में नकदी की जब्ती. हम सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह इन मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे."
'सीएम ने ईडी समन को किया इजरअंदाज'
बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने कहा, "ईडी ने मुख्यमंत्री को छह बार समन जारी किया, लेकिन उन्होंने उन सभी को नजरअंदाज कर दिया. लोग जानना चाहते हैं कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी की पूछताछ से क्यों भाग रहे हैं? अगर मुख्यमंत्री पाक साफ हैं, तो उन्हें सवालों का सामना करना चाहिए और लोगों के बीच व्याप्त भ्रम की स्थिति को खत्म करना चाहिए." ईडी ने एक नया समन जारी किया था और सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 12 दिसंबर को रांची में जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने पेश होने के लिए कहा था.
कांग्रेस ने सदन की कार्रवाई को क्या कहा?
प्रदेश सरकार को विधानसभा घेरने को लेकर बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने कहा, "हम कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े परिसरों से बड़ी मात्रा में नकदी की जब्ती के मुद्दे पर भी सरकार को घेरेंगे. लोग जानना चाहते हैं कि यह किसका पैसा है? सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए." कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, "14 दिसंबर को विधायक दल की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि सरकार राज्य के लोगों के हित से संबंधित सभी सवालों का सकारात्मक जवाब देगी. उन्होंने कहा, "सरकार चाहती है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले, ताकि वास्तविक मुद्दों पर चर्चा हो सके."
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