Jharkhand Politics: CM सोरेन पर बाबूलाल ने किया कटाक्ष, जनसभा में पूछा, 'सीएम का सही नाम क्या? हेमंत सोरेन या हेमंत कुमार सोरेन'
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, गरीब आदिवासियों की औने पौने दाम पर नाम बदलकर जमीन हड़पने वाले हेमंत सोरेन ने अब बच्चों को भी भ्रमित कर दिया है. बच्चे पूछने लगे हैं कि, परीक्षा में CM का सही नाम क्या लिखें?
Jharkhand News: बाबूलाल मरांडी झारखंड में संकल्प यात्रा के तहत सभा कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने डुमरी उपचुनाव की तायारियों के बीच ऊपर टांड़ मंडल में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर जमकर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि, जनता भगवान है और कार्यकर्ता पार्टी की पूंजी हैं. इस सम्मेलन में बाबूलाल ने बूथ जीतो, चुनाव जीतो मंत्र को सिद्ध करने का आह्वान किया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा झामुमो बता नहीं पा रहा कि, आखिर उनके प्रत्याशी को वोट क्यों दिया जाए. आखिर हेमंत सोरेन की सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में राज्य को जो लूट, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, बलात्कार, हत्या, चोरी, डकैती, अपहरण, बेरोजगारी का उपहार दिया है, उसके लिए लिए वोट दिया जाए. राज्य सरकार ने गरीबों के अनाज लूटवाए.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, गरीब आदिवासियों की औने पौने दाम पर नाम बदलकर जमीन हड़पने वाले हेमंत सोरेन ने अब राज्य के छोटे छोटे बच्चों को भी भ्रमित कर दिया है. बच्चे शिक्षक से अब पूछने लगे हैं कि, परीक्षा में मुख्यमंत्री का सही नाम क्या लिखें हेमंत सोरेन या हेमंत कुमार सोरेन, उनके पिताजी का नाम शिबू सोरेन या शिव सोरेन लिखें. मरांडी ने आगे कहा कि आज राज्य की स्थिति भयावह है, अपराधी बेलगाम, बेखौफ हैं और जनता डरी सहमी हुई है. अपराधी व्यापारियों को व्हाट्सप पर मैसेज भेजकर रंगदारी मांग रहे हैं. हेमंत है तो अपराधियों को हिम्मत है. झारखंड में कानून का राज स्थापित करने के लिए हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकना आवश्यक है. डुमरी उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी की जीत के बाद झारखंड नई करवट लेगा.
छह जिले में हुआ मुकदमा
उन्होंने कहा कि, आज प्रदेश में बिना पैसे का कोई काम नहीं होता है. मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी पैसे लिए जा रहे हैं. कहा कि, पदाधिकारी कर्मचारी घुस मांगने की हिम्मत कर रहे क्योंकि राज्य का मुखिया ही भ्रष्टाचार में शामिल है. महंगे वकील रख कर अपराधियों को बचाने केलिए कोर्ट जा रहे. जब कोई गलती नही की तो फिर ईडी को जवाब देने क्यों नहीं जा रहे. आखिर क्यों डर रहे. यह डरी सहमी हुई सरकार अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों का मुंह केस और मुकदमों से बंद करना चाहती है. बाबूलाल ने कहा उनके खिलाफ छः जिलों में मुकदमे दर्ज हुए हैं, लेकिन वे डरने वाले नहीं है. सरकार चाहे तो सभी जिलों में उनके ऊपर मुकदमा करे. सत्ताधारी दल के नेता आरोप लगा रहे तो उन्हें जांच कराकर कारवाई करने से कौन रोक रहा है. वे तो जांच में पूरी मदद करने को तैयार हैं.
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