Jharkhand: प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी पर बाबूलाल मरांडी का बड़ा खुलासा, कहा- 'ED एक्शन से डरे घोटालेबाज अफसरों ने मोबाइल...'
Ranchi: बाबूलाल मरांडी ने कहा, ईडी से अनुरोध है कि प्रेम के पकड़े जाने के बाद से साक्ष्य नष्ट करने के लिये मोबाइल बदलने वाले उन अफसरों का डाटा निकालें और उनसे पूछताछ करें.
Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में जमीन हड़पने और धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़ी धन शोधन जांच के तहत कथित स्थानीय बाहुबली प्रेम प्रकाश को दो दिन पहले गिरफ्तार किया है. प्रेम प्रकाश को ईडी ने पिछले साल अगस्त में कथित अवैध खनन से संबंधित धन शोधन के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था. वह यहां न्यायिक हिरासत में जेल में बंद था. इस गिरफ्तारी के बाद से बीजेपी सीएम हेमंत सोरेन पर हमला बोल रही है और साथ ही ईडी से अपील की है कि, इस लूट में शामिल गुनाहगार टीम के बड़ी मछलियों को भी जेल भेजें.
'पुलिस अफसर बदल रहे अपना मोबाइल'
दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि, 'ईडी के केश में 25 अगस्त 2022 से जेल में बंद सत्ता का मशहूर दलाल प्रेम प्रकाश एक बार फिर ईडी की रिमांड पर है और उससे साहिबगंज खनन घोटाले के बाद रांची जमीन घोटालों के एक नये मामले में अभियुक्त बनाकर ईडी पूछताछ कर रही है. जानकार लोगों ने बताया है कि प्रेम प्रकाश के पकड़े जाने के बाद झारखंड के करीब एक दर्जन से भी ज़्यादा प्रेम की “घोटाला प्रेम लीला” में शामिल प्रशासन, पुलिस के घोटालेबाज छोटे-बड़े अफसरों ने न सिर्फ मोबाइल बदले बल्कि डाटा भी डिलीट कर अपराध के साक्ष्य मिटाये हैं.'
ईडी के केश में 25 अगस्त 2022 से जेल में बंद सत्ता का मशहूर दलाल प्रेम प्रकाश एक बार फिर ईडी की रिमांड पर है और उससे साहिबगंज खान घोटाले के बाद राँची ज़मीन घोटालों के एक नये मामले में अभियुक्त बनाकर @dir_ed पूछताछ कर रही है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 14, 2023
जानकार लोगों ने बताया है कि प्रेम प्रकाश के पकड़े जाने…
'अफसरों का डाटा निकालें और पूछताछ करें'
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, 'समाचार माध्यमों से मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रेम ने तो उसके गुनाह में सहभागी कई सीनियर अफसरों एवं उनकी करतूतों के बारे में ईडी को सबकुछ बता दिया है. ऐसे ही अफसर पकड़े जाने के भय से लगातार मोबाइल डाटा मिटाकर मोबाइल सेट बदल रहे हैं. ईडी से अनुरोध है कि प्रेम के पकड़े जाने के बाद से साक्ष्य नष्ट करने के लिये मोबाइल बदलने वाले उन अफसरों का डाटा निकालें और पूछताछ कर लूट में शामिल गुनाहगार टीम के “बड़ी मछलियों” को भी जेल भेजें.'
यह भी पढ़ें: अविश्वास प्रस्ताव पर निशिकांत दुबे ने पूछा- राहुल गांधी क्यों नहीं बोले? लगता है आज तैयार होकर नहीं आए.