Jharkhand Bandh: संताल परगना के छह जिलों में 'झारखंड बंद' का असर, दुमका और साहिबगंज में वाहनों की लगी कतार
Jharkhand News: प्रदर्शनकारी ढोल और पारंपरिक हथियारों के साथ सड़क पर उतरे. छात्र नेता श्यामदेव ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार 60:40 नियोजन नीति को लाकर आदिवासी मूलवासी छात्रों को गुमराह कर रही है.
Jharkhand Bandh News: छात्र संगठनों के 'झारखंड बंद' का दुमका समेत छह जिलों में व्यापक असर देखा गया. छात्रों ने तेज धूप की परवाह किए बिना सड़क जाम कर दुमका और साहिबगंज में आवागमन ठप कर दिया. जाम की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई. संताल परागना के छह जिलों में दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे. सड़कों पर बस के पहिए थम गए.
बस डिपो में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. मुसाफिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पुलिस बल की तैनाती की थी. संताल परागना में झारखंड बंद शांतिपूर्वक रहा. झारखंड बंद के बीच अजीब नजारा दिखाई दिया. लंदन से आए विदेशी पर्यटकों ने जाम समर्थकों के साथ नारे लगाए.
ढोल-मांदर और पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन
विदेशी पर्यटक देवघर के रिखिया धाम से पश्चिम बंगाल लौट रहे थे. प्रदर्शनकारी ढोल-मांदर और पारंपरिक हथियारों के साथ सड़क पर उतरे. छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी सरकार से 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने की मांग कर रहे हैं. छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार 60:40 नियोजन नीति को लाकर आदिवासी मूलवासी छात्रों को गुमराह कर रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में छात्रों और बेरोजगार युवकों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. बिहार, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में स्थानीय युवकों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है.
'नियोजन नीति के नाम पर ठग रही सोरेन सरकार'
दूसरे राज्यों के युवकों का आरक्षण प्रतिशत भी कम है. उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने के 23 साल गुजर गए लेकिन सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने नियोजन नीति के नाम पर युवाओं को ठगने और गुमराह करने का काम किया. किसी सरकार ने स्पष्ट नियोजन नीति नहीं बनायी. श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि 60 प्रतिशत आरक्षण तो पूर्व से ही है लेकिन 40 प्रतिशत आरक्षण बाहरी लोगों को सरकार क्यों दे रही है.
हेमंत सरकार एक तरफ झारखंड की खनिज संपदा को बाहर भेज रही है और दूसरी ओर बाहरी छात्रों को झारखंड में नौकरी देने का काम कर रही है. झारखंड के आदिवासी मूलवासी छात्र सरकार की नीति को बर्दाश्त नही करेंगे. छात्र नेता राजीव बास्की ने कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड को चारागाह बना दिया है. कई बार हक और अधिकार के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ी लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही. उन्होंने चेतावनी दी कि 60:40 नियोजन नीति वापस नहीं लेने पर आनेवाले समय में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी.
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