(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: ट्राइबल को गुमराह कर शादी कर रहे बांग्लादेशी! दो जिलो की एक तिहाई से ज्यादा आबादी मुस्लिम, बड़ी संख्या में बनाए गए मदरसे
Jharkhand News: याचिका में बताया गया कि, सुनियोजित तरीके से घुसपैठिये स्थानीय आदिवासी लड़कियों से लव जिहाद के तहत शादी करते हैं. जमीन खरीदते हैं और धर्म परिवर्तन करा कर डेमोग्राफिक बदलाव कर रहे हैं.
Jharkhand Bangladeshi infiltrators: झारखंड के चार जिलों में बांग्लादेशियों की लगातार घुस पैठ जारी है. दरअसल, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज सहित झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं. इससे इन जिलों की जनसंख्या पर असर पड़ रहा है. यहां स्थिति ऐसी हो गई है कि ये बांग्लादेशी घुसपैठिए स्थानीय ट्राइबल को गुमराह कर उन्हें लव जिहाद में फसांकर उनसे शादी कर रहे हैं. इसके साथ ही इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे बनाए जा रहे हैं. वहीं अब इस मामले पर दायर एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की खंडपीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा कि संथाल परगना के सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशियों के घुसपैठ की जानकारी है या नहीं?
दरअसल, प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि, संथाल परगना के जिले, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा, दुमका बांग्लादेश से सटे हुए हैं. इनमें सुनियोजित तरीके से घुसपैठिये स्थानीय आदिवासी लड़कियों से लव जिहाद के तहत शादी करते हैं. आदिवासी जमीन खरीदते हैं और धर्म परिवर्तन करा कर डेमोग्राफिक बदलाव कर रहे हैं. बांग्लादेशी घुसपैठिये लव जिहाद के साथ लैंड जिहाद भी कर रहे हैं. सुरक्षित सीटों पर घुसपैठिये अपनी आदिवासी पत्नी को चुनाव में खड़ा कराते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में संताल परगना के साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा आदि जिलों में अचानक मदरसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
साहिबगंज-पाकुड़ की जनसंख्या ऐसे प्रभावित हो रही
वहीं सीमा से सटे जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठिये आते हैं और उन्हें मदरसों में ठहराया जाता है. वहां पर उनके दस्तावेज तैयार होते हैं. उसके बाद किस घुसपैठिये को कहां जाना है, उसे कहां रहना है, तय होता है और योजना के अनुसार उसे अंजाम दिया जाता है. सीमा से बड़ी संख्या में घुसपैठ हो रही है, लेकिन सरकार सोयी हुई है. प्रार्थी ने साहिबगंज में (बोरियो प्रखंड में सबसे अधिक) नये स्थापित किये गये लगभग 47 मदरसों की सूची भी याचिका के साथ संलग्न की है. बता दें कि, एनआरसी लागू करवाने के लिए करीब पांच साल पहले झारखंड सरकार ने एक रिपोर्ट बनवाई थी.
इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी तेजी से बढ़ी है. चूंकि झारखंड से बांग्लादेश की सीमा महज 40 किमी दूर है. झारखंड में फरक्का, उढ़ावा, पीयारपुर, बेगमगंज, फूकदकीपुर, दियारा, चांदशहर और प्राणपुर आदि इलाकों से बांग्लादेशी घुसपैठियों की आवाजाही हो रही है.
दोनों जिलों की एक तिहाई से ज्यादा आबादी मुस्लिम
पाकुड़- 2001 में पाकुड की आबादी 7 लाख 1 हजार 664 थी, जिसमें मुस्लिमों की आबादी 2 लाख 32 हजार 373 थी. यानी कुल आबादी का 33 प्रतिशत थी. वहीं 2011 में पाकुड़ की आबादी 9 लाख 422 हुई, जिनमें मुस्लिम आबादी 3 लाख 22 हजार 963 हो गई. यानी कुल आबादी का 33.87 प्रतिशत है.
साहिबगंज- 2001 में साहिबगंज की आबादी 9 लाख 27 हजार 770 थी, जिनमें मुस्लिम आबादी 2 लाख 70 हजार 423 थी. यानी 29.15 प्रतिशत थी. वबीं 2011 में कुल आबादी 11 लाख 50 हजार 567 हो गई, जिनमें मुस्लिम 3 लाख 8 हजार 343 हो गई. यानी 26.80 प्रतिशत है.
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