JPSC छठी सिविल सर्विस परीक्षा से नियुक्त अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, HC का फैसला निरस्त
Ranchi News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने JPSC छठी सिविल सेवा में नियुक्त 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति मामले में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है.
JPSC Sixth Civil Service Examination: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (Jharkhand Public Service Commission) की छठी सिविल सर्विस परीक्षा के जरिए नियुक्त हुए अफसरों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम ने कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के एक फैसले के चलते इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट से बाहर हुए 62 अभ्यर्थियों को नौकरी में बरकरार रखने का आदेश दिया है. प्रभावित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले और जेपीएससी के संशोधित रिजल्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
चुने गए थे 326 अभ्यर्थी
गौरतलब है कि, झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की छठी सिविल सर्विस परीक्षा में कुल 326 अभ्यर्थी चुने गए थे. इस परीक्षा में जेपीएससी की ओर से अपनाए गए मार्किंग पैटर्न को नियमों के विपरीत बताते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मार्किंग पैटर्न को गलत ठहराते हुए संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था. इसके बाद जेपीएससी ने संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की, तो पुरानी मेरिट लिस्ट में शामिल 62 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया.
अफसरों की सेवा बरकरार रखने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ ने याचिका पर बीते 28 जुलाई को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए पुरानी मेरिट लिस्ट के अनुसार चुने गए सभी 326 अफसरों की सेवा बरकरार रखने का आदेश दिया. रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखा.
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