Jharkhand Birsa Mundas Birth Anniversary: इस वर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' (Tribal Pride Day) के रूप में मनाया जाएगा. जनजातीय नायकों को और उनके योगदान को याद करने के लिए ये दिन बेहद खास है. जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने बताया कि मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में पारित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है. आगामी 15 से 22 नवंबर तक  'आजादी के अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत पूरे देश में जनजातीय महोत्सव मनाया जाएगा.


कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला 
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा की जंयती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इसकी जानकारी मिलते ही झारखंड के भाजपाई गदगद हो गए. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, रांची के सांसद महेश पोद्दार, राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने ट्वीट कर कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री को बधाई दी है.




15 नवंबर 1875 को हुआ था जन्म 
बता दें कि, भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के रांची के नजदीक खूंटी जिले के उलीहातु गांव में मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना पुर्ती (मुंडा) और माता-करमी पुर्ती (मुंडाईन) के घर में हुआ था. बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया. बिरसा मुंडा की गिनती महान देशभक्तों में की जाती है. ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया. 9 जून 1900 को बिरसा मुंडा शहीद हुए थे. 



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