Jharkhand School Uniform Colour Politics: झारखंड (Jharkhand) के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म के ग्रीन कलर पर सियासी विवाद खड़ा हो गया है. सरकार ने तय किया है कि क्लास एक से पांच तक छात्र-छात्राओं के यूनिफॉर्म का कलर कोड नेवी ब्लू एवं पिंक और क्लास 6 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं का यूनिफॉर्म ग्रीन-व्हाइट होगा. राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) का कहना है कि हरा रंग हरियाली का सुखद अहसास देने और आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला होता है, हमने इसीलिए यह निर्णय लिया है. दूसरी तरफ बीजेपी ने इस निर्णय को तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास (Raghubar Das) ने कहा है कि सरकार सभी सरकारी स्कूलों को मदरसे के रंग में रंग देना चाहती है.
सरकार ने कर ली है तैयारी
फिलहाल राज्य में स्कूल यूनिफॉर्म के लिए महरून और क्रीम कलर का ड्रेस कोड लागू है. झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने निर्देश के बाद नए सत्र से क्लास 6 से लेकर 12 तक ग्रीन-व्हाइट ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी कर ली गई है. बीते महीने सरकार ने राज्य के 35 हजार सरकारी स्कूलों की इमारतों का भी रंग बदलने का निर्देश दिया था. स्कूल भवनों के रंग का थीम भी ग्रीन-व्हाइट रखा गया है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के सभी स्टूडेंट्स और कक्षा 6 से 12 तक की गर्ल्स स्टूडेंट को सरकार की ओर से यूनिफॉर्म उपलब्ध कराया जाता है. अब आगामी सत्र से छठी से 12वीं तक के बॉयज स्टूडेंट को भी निशुल्क यूनिफॉर्म देने का फैसला लिया गया है.
बीजेपी ने जताया एतराज
सरकार के हालिया आंकड़े के मुताबिक राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से बारह तक के छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 47 लाख 10 हजार 525 है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इनके नए यूनिफॉर्म कोड का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे शिक्षा मंत्री ने मंजूरी दे दी है. क्लास 6 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं का जो नया यूनिफॉर्म कोड है, वो राज्य की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के झंडे और लोगो का कलर-कोड से मिलता-जुलता है. बीजेपी को इस पर सख्त एतराज है.
'सरकार को तुष्टिकरण से मतलब है'
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि, "सरकार को तुष्टीकरण की राजनीति करनी है, इसीलिए सरकारी विद्यालयों और उनके बच्चों की पोशाकों का रंग हरा करने पर ध्यान दे रही है. सरकार अप्रत्यक्ष रूप से सभी विद्यालयों को मदरसे के रंग में रंग देना चाहती है. इसके साथ ही बच्चों को अपनी गंदी राजनीति में घसीटना चाहती है. झारखंड में हजारों शिक्षकों की बहाली लटकी हुई है, लेकिन सरकार की प्राथमिकताएं अलग हैं. कभी स्कूल को हरे रंग में रंग रही है, तो कभी स्कूल के बच्चों की पोशाकों को हरे रंग का कर रही है. हेमंत सरकार को विकास से नहीं केवल तुष्टिकरण से मतलब है."
ये भी पढ़ें: