Jharkhand Assembly Election 2024: बीजेपी ने झारखंड में अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट शनिवार (19 अक्टूबर) को जारी कर दी. इसमें बाबूलाल मरांडी, सीता सोरेन, गीता कोड़ा और अमर कुमार बौरी का नाम भी शामिल है. पहली सूची में बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सीट बरहेट से प्रत्याशी नहीं उतारा है तो वहीं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की सीट गाण्डेय से प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. 


बीजेपी ने गाण्डेय से मुनिया देवी को टिकट दिया है. मुनिया देवी गिरिडीह जिला परिषद की अध्यक्ष हैं. माना जा रहा है कि कल्पना सोरेन दोबारा गाण्डेय से चुनाव में उतरेंगी. ऐसे में यहां कल्पना और मुनिया देवी की टक्कर देखने मिलेगी. मुनिया देवी ने बीजेपी की ओर से टिकट की घोषणा किए जाने पर 'एक्स' पर एक पोस्ट डाला है. 


मुनिया देवी ने लिखा, ''विधानसभा चुनाव हेतु गाण्डेय से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाने पर शीर्ष एवं प्रदेश नेतृत्व का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद. गाण्डेय विधानसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता एवं कार्यकर्ताओं के आशीर्वाद से हम एक बार फिर विकास और सुशासन का कमल खिलाएंगे.'' एनडीए में सीटों के बंटवारे के तहत बीजेपी 68 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. ऐसे में उसे अब केवल दो सीटों पर ही प्रत्याशी उतारना है.






1990 से JMM का गढ़ रहा है बरहेट, BJP का नहीं खुला खाता


बरहेट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है जो कि जेएमएम के लिए सुरक्षित भी मानी जाती है. 1990 से ही यहां जेएमएम का दबदबा रहा है. उसके बाद से छह चुनाव जेएमएम ने जीता है. इनमें से दो चुनाव में यह सीट बिहार विधानसभा के अंतर्गत आती थी. 2000 में झारखंड गठन के बाद हुए चार चुनावों में दो बार यहां से हेमंत निर्वाचित हुए हैं जबकि बीजेपी कभी खाता नहीं खोल पाई है. 2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन को यहां 53.49 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे जबकि बीजेपी के उनके प्रतिद्वंद्वी सिमोन माल्टो को 34.82 प्रतिशत वोट मिले थे.


2014 में हेमंत सोरेन को 46.18 प्रतिशत वोट मिला था. उनके खिलाफ बीजेपी हेमलाल मुर्मू को उतारा था जो कि 2009 में जेएमएम के टिकट से ही विधायक निर्वाचित हुए थे. मुर्मू को हेमंत के मुकाबले 28.38 प्रतिशत ही वोट हासिल हो पाया था.


गाण्डेय सीट पर BJP ने रिपीट नहीं किया प्रत्याशी


झारखंड के गठन के बाद गाण्डेय सीट पर 2005 में जेएमएम के सलखान सोरेन ने चुनाव जीता था. इसके बाद 2009 में कांग्रेस के सरफराज अहमद को जीत मिली. 2014 के चुनाव में मतदाताओं ने बीजेपी के जय प्रकाश वर्मा को निर्वाचित कर विधानसभा भेजा. हालांकि 2019 में यह सीट बीजेपी के हाथ से फिसल गई और सरफराज अहमद ने चुनाव जीता, जो कि इस बार कांग्रेस से नहीं बल्कि जेएमएम के टिकट से निर्वाचित हुए थे. 2024 के विधानसभा उपचुनाव में कल्पना सोरेन विजयी हुईं और उन्होंने बीजेपी के दिलीप वर्मा को हराया. हालांकि इस बार बीजेपी ने प्रत्याशी बदल दिया और मुनिया देवी को टिकट दिया गया है.


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